ये चित्र-विचित्र विवाह व उनकी प्रथा-परम्पराएँ

March 1998

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विवाह प्रेम की परिणति है। मौलिक जगत में प्रेमभावना के अंतिम उत्कर्ष का नाम है विवाह। विवाह के भी कई अजीबोगरीब रूप हैं। सामान्यक्रम में विवाह संस्था समाज की मर्यादाओं को बनाये रखने के लिये बनायी गयी है। किन्तु, कहीं-कहीं मनुष्य की विचित्र क्रियायें मजेदार प्रथाओं-परम्पराओं का रूप ले लेती हैं। जो भी हो, विचित्रताओं से भरे होते हैं ऐसे विवाह।

इटली के प्रसिद्ध लेखक फ्रांसिस्कोकालोन्ना का पोलिओ नामक एक लड़की से प्रेम हो गया। परन्तु इस प्रेमप्रस्ताव को विवाह के रूप में पहले कौन रखे, यही सबसे बड़ी समस्या थी। फ्रांसिस्को बहुत ही संकोची स्वभाव का था। इस प्रस्ताव को मूर्त रूप देने के निष् एयपे 1,65,000 शब्दों वाली पूरी पुस्तक ही लिख डाली। ‘ए ड्रीम ऑफ लव’ नामक इस प्रेमकृति के 37 अध्यापकों के प्रारम्भिक अक्षर मिलकर लेटिन भाषा का यह अर्थ देते हैं- “ फ्रांसिस्कोकालोन्ना पोलियो से प्रेम करता है एवं विवाह के ये उसके समक्ष प्रस्ताव रखता है।” इसके पश्चात दोनों परिणय सूत्र में आबद्ध हो गये। एडगर वालेस अंग्रेजों के प्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार के रूप में विख्यात थे। लेखनकार्य एवं अन्य कारणों से वह लम्बे समय तक अविवाहित रहे। एडगर वालेस की जितनी सचिव एक सुन्दर महिला थी लम्बे अरसे तक साथ रहने के कारण दोनों का आपस में प्रेम हो गया। इनके बीच भी संकोच सबसे बड़ी समस्या बनकर आयी। एक दिन एडगर जब अपने उसी निजी सचिव से उपन्यास लिखवा रहे थे तो एक वाक्य को बीच में ही अधूरा छोड़कर झटके के साथ कहा- क्या तुम मुझसे विवाह करना पसन्द करोगी? बस क्या था, उसकी निजी सचिव ने हाँ कह दी। लेखन को वहीं अधूरा छोड़कर विवाह-कार्य सम्पन्न हुआ। उपन्यास का भी वहीं समापन कर दिया गया।

विवाह-प्रस्ताव को प्रस्तुत करने के लिए आड़े आये संकोच की एक और घटना इस प्रकार है। ज्यों बेडफोर्ड का व्हेल शिकारी भी एक संकोची युवक था। वह अपनी प्रेमिका को बहुत प्रेम करता था, परन्तु शादी के विषय में कुछ नहीं कह पाता था। अपने विवाह प्रस्ताव को अंजाम देने के लिए उसने व्हेल के दाँतों का प्रयोग किया। उसने व्हेल के दाँतों को सुन्दर ढंग से तराशकर एक अनुपम कृति बनायी और उसमें अपनी विवाह सम्बन्धी बातों को लिखा। स सुन्दर कृति को भी स्वयं न देकर उसने उसे अपने साथी द्वारा भिजवाया। प्रेमी को उपहार मिला। फिर जाकर कहीं विवाहकार्य सम्पन्न हो सका।

इंग्लैण्ड में एक नवयुवक मेहुर के विवाह की घटना बहुत प्रसिद्ध एवं अजीबोगरीब है। वह विवाह तो करना चाहता था, परन्तु उसके पसन्द की कोई लड़की नहीं मिलती थी, कोई लड़की पसन्द आती तो वह मेहुर को नापसन्द कर देती। इस उधेड़बुन में आशा-निराशा के बीच झूलते हुए अपनी अज्ञात प्रेमिका के नाम उसने एक प्रेमपत्र लिखा उस पत्र को उसने बोतल में बन्द करके समुद्र में बहा दिया। इस बात को बहुत समय हो जाने के कारण मेहुर लगभग भूल ही चुका था। वह बोतल बहती हुई संयोगवश डेनमार्क पहुँची और वहाँ ऐ सुन्दर युवती के हाथ लगी। उस युवती ने बड़ी उत्सुकता से पत्र पढ़ा और उसमें अंकित पते पर पत्र डाल दिया। मेहुर ने तत्काल उसका उत्तर भेजा। दोनों ने एक दूसरे का विवरण जानने में शीघ्रता दिखाई, फिर परस्पर एक-दूसरे को पसन्द किया और अन्ततः विवाहकार्य सम्पन्न हो गया।

ऐसी ही अनोखी दास्तान अमेरिका के एक सैनिक चके विल्सन के साथ हुई। उसकी नियुक्ति एक अत्यन्त निर्जन स्थान पर हुई थी। वहाँ सैनिकों के अलावा अन्य कोई व्यक्ति दूर-दूर तक नजर नहीं आता था। एकदम एकान्त व जनशून्य स्थान पर विल्सन के मन में विवाह का अंकुर फूटा, परन्तु यह संभव कैसे हो सकता था। उसने यों ही एक बोतल में अपना फोटो और एक प्रेमपत्र लिखकर रखा और समुद्र में बहा दिया। तीन महीने पश्चात् वह पत्र इंग्लैण्ड की एक टाइपिस्ट मिस पोला जोनिंग को मिला। उसे विल्सन का चित्र और विवरण खूब आकर्षक लगा। तत्काल उत्तर लिखने बैठ गयी। संयोग कहें या विधि का विधान, दोनों का विवाह हो गया।

जमैका के एक किसान का विवाह केले के बुच्छे के माध्यम से संभव हो पाया। किसान एक आकर्षक युवक था और केले की खेती करता था। उसके साथ भी भाग्य आँख मिचौली का खेल खेलता रहा। जिसे वह पसन्द करता, लड़की नापसन्द कर देती थी। यों सामान्यतया उसे भी कोई लड़की उपयुक्त नहीं लग पाती थी। इस उधेड़बुन में उसने एक अज्ञात लड़की के नाम लम्बा-चौड़ा पत्र लिख डाला। इस पत्र को उसने केले के गुच्छे में अन्दर की ओर रखकर इस तरह बाँध दिया कि वह बाहर से नजर न आये। दैवयोग से यह गुच्छा इंग्लैंड की एक युवती के हाथ लगा। वह युवती विवाह करना तो चाहती ही थी। वह पत्र में प्रेम की कसक को पढ़कर भाव-विभोर हो उठी। उसने जमैका के उस किसान के साथ पत्र-व्यवहार किया आकर कुछ ही दिनों में वे दोनों परिणय-सूत्र में बंध गये।

प्रेम का भावावेश यों बड़ा ही खतरनाक होता है। कई बार व्यक्ति इसमें बहकर हर खतरे को नजरन्दाज कर देता है। अंततः कई बार इसकी परिणति बड़ी खतरनाक होती है। उसी वजह से असफल प्रेमी आत्महत्या जैसी वारदातों में फंसकर स्वयं अपने जीवन का अन्त कर बैठते हैं। अमेरिका के एक युवक एण्ड्रू डेटन ने अपने प्रेम को विवाह की मंजिल पर पहुंचाने के लिए अपना पैर ही कटवा डाला। डेटन माइ आर्नले नामक एक सुन्दर युवती से प्रेम करता था। आर्नले का झुकाव भी डेटन की तरफ स्पष्ट था। दोनों का प्रेम प्रसंग जब-जब विवाह की मंजिल को स्पर्श करने लगता, तो माइ आर्नले इसे अस्वीकार कर देती। कारण था आर्नले का लंगड़ा होना बचपन में ही वह एक हादसे में अपना एक पैर खो बैठी थी। अतः वह नहीं चाहती थी कि उसके लंगड़ेपन के लिए डेटन को काइ्र असम्मान एवं असुविधा का सामना करना पड़े। इसी वजह से वह बार-बार विवाह प्रस्ताव को इनकार कर देती। डेटन आर्नले को हद से अधिक चाहा था। वह किसी भी कीमत पर उसे चाोना नहीं चाहता था। इसके लिये डेटन नया एवं खतरनाक समाधान ढूंढ़ निकाला। एक सर्जन के पास जाकर अनुनय-विनय करके उसने अपनी एक टाँग कटवा डाली। डेटन के इस बलिदान को देखकर आर्नले की आँखों से आँसू झरने लगे। इसके पश्चात डेटन एवं माइ आर्नले का विवाह बड़े ही शानदार ढंग से सम्पन्न हुआ।

विवाह कहाँ और किस प्रकार हो? यह भी कभी-कभी एक मनोरंजक घटना बन जाती है। अमेरिका के प्रेमीयुगल -लाने गैरी तथा मैरी शा क्रिस्टी ने अपना विवाह उड़ते हुए हवाईजहाज में किया। विवाह के उपरान्त वे हवाई छतरी लगाकर सैकड़ों फुट की ऊंचाई से हवाई अड्डे पर कूद पड़े। इटली के एक दूसरे प्रेमीयुगल ने इससे भी रोमाँचक कारनामा दिखाया। इस विवाह में चौबीस बाराती थे। विवाह की सारी रस्में उड़ते हुए हवाईजहाज में अदा की गई। इसके पश्चात तो इनका नजारा देखने लायक था। दूल्हा- दुल्हन सहित सभी बाराती दावत के स्थान पर पैराशूट से उड़ते हुए उतरे तथा सभी ने भोज का आनन्द उठाया। बम्बई के मशहूर तथा धनाड्य परिवार का एक विवाह भी उड़ते हुए जहाज में ही हुआ। हवाईजहाज में ही विवाह की सारी परम्परायें मुम्बई महानगरी की परिक्रमा करता रहा।

आकाश में विवाह होने के पश्चात 12 फुट पानी के नीचे भी एक अनोखा विवाह का विवरण मिलता है। मलेशिया के युवक जोआना लियोग तथा वहीं की युवती एडी औंग ने शादी करने का निश्चय किया। दोनों गोताखोर थे इसलिये उन्होंने अपना विवाह पानी के अन्दर 12 फुट नीचे जाकर करने का निश्चय किया। पानी के अन्दर ही उन्होंने अपनी अंगूठियां बदलीं आध्र परिणयसूत्र में आबद्ध हो गये इस अद्भुत विवाह को देखने के लिये बारातियों के अतिरिक्त दर्शक भी काफी संख्या में थे, परन्तु सब थे किनारे पर। पानी से सराबोर दूल्हा-दुल्हन को ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें दी गयीं।

व्यक्ति को अपना व्यवसाय सबसे प्रिय होता है उसका संसार इसी के आसपास घूमता है। कुछ लोगों में यह अपनत्व आवश्यकता से अधिक होता है। इसलिये वे उसे अपने जीवन के सभी क्षेत्रों के साथ जोड़ना पसन्द करते हैं। स्पेन का एक युवा अरनेस्तो लोटस सर्कस में काम करता था। सर्कस में ही काम करने वाली अलंकार रेमस से उसका प्रेम हो गया। इन दोनों ने अपना वैवाहिक कार्यक्रम बड़े ही विचित्र ढंग से करने की योजना बनायी। उन्होंने चालीस फीट ऊंचे झूले पर चढ़कर अपना विवाह किया। बेचारे पादरी को भी इस पवित्र रस्म को पूरा करने के लिये इतने ही ऊंचे झूले पर चढ़ना पड़ा।

कभी-कभी परिजनों का व्यवसाय भी अपने बच्चो के विवाह का स्थान निर्धारित करने में मदद करता है। पुर्तगाल में मारिया रेवेज और लोआगो रोमोस का विवाह भी कुछ इसी तरह से पूरा हुआ। लड़की का पिता विभिन्न प्रकार के केक बनाने का विशेषज्ञ था। वह उस क्षेत्र में केक व्यवसायी के रूप में प्रसिद्ध था। हरेक बड़े उत्सव एवं समारोह में उसी का बनाया केक उपयोग में लाया जाता था। उसने अपनी बिटिया के विवाह के लिए कई महीने तक परिश्रम करके केक का आलीशान मण्डप ही बना डाला। इस मण्डप की ऊंचाई 14 मीटर थी। इसमें 12 हजार अण्डे, दो टन शक्कर और एक टन मैदा इस्तेमाल किया गया था। इसे शहर के मध्य रखा गया था। इसी केक के सुन्दर एवं भव्य मण्डप में मारिआ रेवेज और लोआगो रोमेस का विवाह सम्पन्न हुआ। विवाह के पश्चात वे उस मण्डप को खाली करके अलग मण्डप में आये तथा केक के मण्डप को बारातियों को बड़े प्रेम से परोसा गया। सभी उसे देखते-देखते चटकर गये।

इटली का एक पर्वतारोही वहाँ की एक अध्यापिका के प्रेम में पड़ गया। प्रेम का जादू कुछ ऐसा चढ़ कि अध्यापिका पर्वतारोही बनने को कृतसंकल्प थी एवं इसके लिये उसने कठिन प्रशिक्षण प्राप्त भी किया। दोनों का संकल्प अंत में विवाह में परिणत हुआ। यह अद्भुत विवाह सम्पन्न हुआ 12 हजार छह सौ फुट ऊंची चोटी पर। इस विवाह में सम्मिलित होने के लिये केवल 40 व्यक्तियों को ही विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनमें से 14 व्यक्ति ही उस चोटी पर पहुँच पाये। बड़ी कठिनाई से पादरी को भी वहाँ पहुँचाया गया, जिसने 12 हजार छह सौ फुट ऊंचे शिखर पर पूरी रीति-नीति से विवाह कार्य पूरा किया।

एक अन्य शादी लिफ्ट में सम्पन्न हुई। दूल्हे थे 49 वर्षीय बोव मैकलीर तथा दुल्हन 27 वर्षीया मीवोन हेम। दोनों की प्रथम दृष्टि एक लिफ्ट में टकरायी थी। लिफ्ट में ही दोनों के प्रेम की पहली कोपल फूटी, इसलिये दोनों ने निश्चय किया कि वे उसी में शादी करेंगे। मीवोन हेम एक स्टोर की लिफ्ट में नौकरी करती थी। एक बार लिफ्ट की मरम्मत के लिये मैकेनिक बोव मैकलीर आया तो उसे देखते ही मीवोन का शादी करने का मन हो गया। बोव मैकलीरको ही मीवोन ही पसन्द आयी। इसलिये लिफ्ट को ही विवाह-स्थल का चयन किया गया। दूल्हा-दुल्हन, पादरी तथा कुछ निकट के रिश्तेदार किसी तरह इसी लिफ्ट में सिकुड़कर बैठ गये। विवाह के दौरान लिफ्ट चालू रही। इस तरह लिफ्ट में ऊपर-नीचे चढ़ते-उतरते यह अजीबोगरीब विवाह सम्पन्न हुआ।

स्म एब्रोहेन्स तथा उसकी प्रेमिका टेरेसा हेमिंगर का परिणय इंग्लैण्ड के लारसेन नगर में युनिसाइकिलों में बैठकर हुआ। सेम एब्रोहेन्स आठ बार विश्व युनिसाइकिल चैम्पियन रह चुका था। टेरेसा हेमिंगर की भी युनिसाइकिल में रुचि थी। अतएव दोनों ने इस प्रकार की राह चुनी। चीन में मान्यता है कि अविवाहित मरने पर परलोक बिगड़ जाता है। चीन का 67 वर्षीय लियान नामक एक वृद्ध भी अविवाहित था परलोक की बान की लेकर उसे काफी चिन्ता हुई और उसने शादी करने का मन बना लिया। अब समस्या खड़ी हुई कि इस वृद्ध से शादी करे तो कौन करे। लियान ने एक मृतक महिला से विवाह किया। 165 डॉलर में मृतक महिला के शव को खरीदा गया एवं अन्यान्य क्रिया सम्पन्न की गयी। बाद में शोक यात्रा के साथ शव को दफना दिया गया।

टेलीफोन से बात करते हुए भी एक बार एक शादी हो गयी। भारतीय मूल का एक युवक अब्दुल कादिर लन्दन में रहता था। पहले तो उसने विवाह नहीं किया, परन्तु काफी समय बाद शादी करने की धुन उस पर सवार हुई। उसने टेलीफोन डायरेक्टरी की मदद ली। कादिर ने हैदराबाद की एक अपरिचित युवती नाजमा सुल्ताना से बातचीत की। किसी प्रकार का पूर्व परिचय न होने के बावजूद टेलीफोन से एक बार बात करके ही शादी तय हो गई। दोनों ने एक-दूसरे को पसन्द किया। सबसे अनोखी बात तो तब देखने में आई, जब काजी को बुलाकर टेलीफोन पर ही निकाह पढ़ा दिया।

बेलेन्शिया स्पेन का एक युवक बन्दूक का एक कुशल निशानेबाज था। अचानक उसके मन में विवाह करने की उमंग उठी और ठीक उसी समय संयोग से उसे स्पेन की एक लड़की से प्रेम हो गया। वह उसे बेहद चाहने लगा। प्रतिदिन शाम को वह उस लड़की की खिड़की पर बन्दूक से निशाना दागता। यह उसका नित्य का क्रम था। प्रेम ने विवाह का रूप ले लिया। उसने सगाई के पहले भी बन्दूक द्वारा छर्रे दागे, फिर कहीं विवाह कार्य सम्पन्न हुआ। मान्यता है कि स्पेन के ग्रामीण इलाकों में अभी भी सगाई के पूर्व छर्रे दागे जाने का प्रचलन है। हमारा देश भी इस मामले में कम थोड़े ही हैं।

विश्व में विवाह प्रणालियाँ एवं रस्मो-रिवाज चित्र-विचित्र और अनोखे प्रकार की पायी जाती हैं। यह प्रथा-परम्परायें चाहे कैसी भी क्यों न हों, भावनायें प्रेमपूर्ण व सोद्देश्य होनी चाहिये,जिससे कि गृहस्थजीवन सुखी एवं आनन्द से भरा रह सके।


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