जीवन एक गीत है, जिसे पंचम स्वर में गाया जा सकता है। जीवन एक स्वप्न है, जिसमें अपने को खोया जा सके तो भरपूर आनन्द का रसास्वादन किया जा सकता है। जीवन अवसर है, जिसे गँवा देने पर सब कुछ हाथ से गुम हो जाता है।
- पं. श्रीराम शर्मा आचार्य