मिल-बाँट कर खाने का चमत्कार (Kahani)

August 1997

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उस दिन ईसा शिष्यमण्डली समेत किसी प्रचार यात्रा पर जा रहे थे। रात्रि हो गई। भोजन का सुयोग न बना। ईसा ने कहा-तुम सबके पास जो है इकट्ठा कर लो और उसी से मिल-बाँट कर काम चलाओ।” पाँच रोटी इकट्ठी हुई। मिल-बाँट कर खाई गई। हिस्से में आधी-आधी भी न आई, तो भी सबका पेट भर गया। सोलोमन ने पूछा-महाप्रभु यह कैसा आश्चर्य ? इतने कम से इतनी तृप्ति कैसे ?” ईसा ने कहा “यह मिल-बाँट कर खाने का चमत्कार है।” यही ईश्वर का निर्देश भी है कि सारी विश्ववसुधा के नागरिकों में विश्व के सारे साधन समान रूप से बँट जाएँ ।


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