सम्राट् नेपोलियन (Kahani)

August 1997

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फ्राँस के सम्राट् नेपोलियन ने एक अधिकारी की नियुक्ति उच्च पद पर कर दी। इस नियुक्ति की बात सुनकर नेपोलियन के शुभचिन्तक दौड़-दौड़ आए और कहने लगें कि जिस आदमी की नियुक्ति आपने उच्च पद पर की है, उसके विचार आपके प्रति अच्छे नहीं हैं।

नेपोलियन कहने लगें-आप तो उसके काम के बारे में बताइये। क्या वह काम से जी चुराता है ? अथवा फिर टाल-मटोल करता है। यदि वह अपने कर्तव्य के प्रति सजग है तो उसके विचार मेरे प्रति अच्छे न भी हों तो मुझे इसकी रंचमात्र भी चिन्ता नहीं। मुझे तो उसके काम से मतलब है, व्यक्तिगत विचारों से नहीं।


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