आँख और मान की विशेषता और गरिमा (Kahani)

June 1996

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आँख और मान की विशेषता और गरिमा बनाने के लिए किसी जिज्ञासु ने विचारक से पूछा। मनीषी ने उत्तर दिया। आँख केवल सामने का देखती है। जबकि कान विगत - आगत ओर वर्तमान को सुनने-समझने में सहायता करते हैं। सुन्दर दीखने वाला आँखों की तुलना में कुरूप कानों की महिमा अधिक हैं जो लोग सौंदर्य को , बहिरंग की सज्जा को ही महत्व देते हैं। उनके लिए यह जानना जरूरी है कि महत्ता कर्तव्य है। विवाद सम्बन्धों पर भी यह लागू होती हैं।


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