बड़े विलक्षण हैं कुदरत के खेल

June 1996

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रस्टीड -जर्मनी के सेन्ट भूलारिच चर्च में एक ऊंची मीनार बनी हैं इस पर एक 1599 और 17न्3 के बीच भयंकर आकाशीय बिजली चार बार गिरी। वह चार बार धराशाई हुई और नये सिरे से बनाई गयी। चारों बार बिजली गिरने की तारीख 1न् अप्रैल थी। स्पेन के वार्सिलोना नगर में एक ‘सिएट सेंटिएन्ब्रे ‘ नामक व्यक्ति हुआ हैं जिसका अर्थ स्पेनी भाषा में होता हैं -सात सितम्बर। यह नाम उसे माता-पिता से नहीं मिला। लोगों के द्वारा थोपा गया। वह 7 सितम्बर 1749 को पैदा हुआ और 7 सितम्बर 1न्01 को मर गया। उसके बेटे का भी यही नाम था। वह 7 सितम्बर 1774 को पैदा हुआ और 7 सितम्बर 1न्26 को मरा। इतना ही नहीं उसके पोते का भी यही नाम था और जमत-मरण का दिन भी पूर्वजों की भांति हैं पोता 7 सितम्बर 1न्14 को पैदा हुआ था। और 7 सितम्बर 1न्6न् को दिवंगत हुआ। तीन पीढ़ियों तक एक ही नाम और एक ही जन्म- मरण का दिन अभी तक उस देश में चर्चा का विषय हैं जापान पर भूकम्पों की विपत्तियों अनेक बार आई है। पर छह भयानक संयोग ऐसे है जो एक ही तारीख को घटित हुए और विनाश की दृष्टि से असाधारण रूप से भयानक माने गये। (1) 1 सितम्बर, न्ञ्7 (2) 9 सितम्बर, 859 द3ड्ट 1 सितम्बर, 860 (4) 1 सितम्बर 1185 (5) 1 सितम्बर, 1649 (6) 1 सितम्बर, 1923। इनमें से छठे ने सबसे अधिक विनाश किया उससे टोकियो और याकोहामा शहर बुरी तरह बर्बाद हुये और प्रायः 1 लाख 43 हजार क्योंकि दबकर मर गये। घायलों की संख्या तो इससे भी कही अधिक थी। विश्व’-विख्यात चित्रकार आल्माटाडमा के जीवन में ‘17’ की संख्या महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह बात वे स्वयं स्वीकार करते हुए कहा करते हैं। “जब में 14 वर्ष का था तब 17 तारीख को अपनी प्रिय पत्नी से मिला। मेरे पहले मकान का नम्बर 17 था, जब दूसरा मकान बनवाया था वह भी 17 अगस्त से प्रारम्भ हुआ और उस नूतन गृह में मेरा प्रवेश भी 17 नवंबर को ही हुआ। चित्रकारों के लिए सेन्ट लोन्स वुड में जो कमरा लिया वह भी 17 नम्बर का ही निकला एस0 बी0 फ्रेंच के जीवन की अधिकांश घटनायें ‘7’ की संख्या के साथ ही घटित हुई । उनका जन्म 7 वे महीने की 7 वीं तारीख को हुआ था। 7 वीं कक्षा तक वे कभी फेल नहीं हुये। उनका विवाह भी 7 वीं, लड़की के साथ हुआ और संयोग से उस लड़की के लिए भी फ्रेंच 7 वें ही लड़के थे । ऐलन वान ने अपनी पुस्तक ‘इनक्रेडिबल कोइन्सीडेन्स’ में अंक संयोग पर आधारित घटना का भी उल्लेख किया हैं आयरलैंड स्थिति डबलिन के निवासी एन्टनी क्लेंसी के जीवन में ‘सात ‘ संख्या का विशेष महत्व रहा। उसके जीवन के हर महत्वपूर्ण मोड़ पर सात का संयोग अवश्य रहा। एन्टनी क्लैसी के शब्दों में,”सप्ताह के सातवें दिन, महीने की सातवीं तारीख को, वर्ष के सातवें दिन , इस सदी के सातवें वर्ष में मेरा जन्म हुआ था मैं अपने माता-पिता का सातवाँ बेटा हूँ यहाँ तक मेरे पिता भी अपने अभिभावक के सातवें पुत्र थे। अपनी सत्ता इसकी वर्षगाँठ पर सातवीं घुड़-दौड़ में मैंने सात तम्बर का घोड़ा चुना और उसका नाम था- ‘सातवाँ’ बहिश्त’। मैंने उस घोड़े पर सात शिलिंग लगाये। रेस में भी उसका सातवाँ नम्बर था। “उत्तरी वर्टन यार्क्रम के डॉ0 रुड के जीवन में 13 की संख्या दुर्भाग्य सूचक के रूप में रही। 13 वर्ष की अल्प-आयु में वे बीमार पड़े। 13 दिन तक घोर कष्ट सहते हुए 13 तारीख के हृदय की बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गयी। उनके परिवार में 13 सदस्य थे। मृत्यु के समय कुल अ शिलिंग ही उनके फण्ड में बचे थे। अन्तिम संस्कार के समय भी 13 सदस्य ही उपस्थित हुये। रुड का नाम फूवाह था, जो कि बाइबिल के 13 वे छन्द में आता है। उनकी मृत्यु समय मात्र 13 तार ही शोक संवेदना के रूप में आये। इसके विपरीत ‘डेनवरा कोलराडों’ के धनाढ्य उद्योगपति शेरमैन के लिए 13 की संख्या सौभाग्य सूचक थी। शेरमैन का जन्म 13 तारीख को हुआ । उनकी सगाई 13 तारीख को हुई और विवाह भी 13 जून 1916 को हुआ । पत्नी का जन्मदिन भी 13 तारीख को ही था। उनके विवाहोत्सव में कुल 13 सदस्य ही उपस्थित थे। 13 की संख्या उनके जीवन में सदैव लाभदायक रही। फ्रांस के सिंहासन के साथ 14 की संख्या का महत्व , संख्याओं के साथ जुड़ी विचित्रताओं को प्रकट करती हैं फ्राँस के प्रथम सम्राट हेनरी 14 मई , 1209 को सिंहासन पर बैठे जबकि वहां के आखिरी सम्राट का नाम भी हेनरी 14 वा था 14 संख्या का महत्व सदैव बना रही। हेनरी द्वितीय ने 14 मई 1610 को उनकी हत्या कर दी गयी थी। जिस तारीख को एक को सिंहासन मिला, उसी को दूसरी 14 मई को मृत्यु का उपहार। वहाँ के अन्य सभी राजाओं के लिए 14 मई को ही फ्रांस का राज्य विस्तार किया। हेनरी तृतीय को 14 मई के दिन युद्ध के मोर्चे पर जाना पड़ा । हेनरी चतुर्थ ने आपबरी का युद्ध 14 मार्च , 1590 को जीता । 14 दिसम्बर, 1599 को सवा के ड्यूक ने अपने आपको हेनरी को आत्म-समर्पण किया। 14 तारीख को ही लार्ड डफिन ने लुई 13 वे के रूप में बपतिस्मा ग्रहण किया। हेनरी चतुर्थ के पुत्र लुई 13 वे की मृत्यु 14 मई, 1643 को हुई । लुई 14 वे 1643 में (1 +6+4+6=14) सिंहासन पर बैठे और 77 वर्ष (7+7=14) की आयु में उनकी मृत्यु हुई। लुई 15 का महत्व सदैव बना रहा। जर्मनी के शासक चार्ल्स चौथे ने अपने जीवन में चार की संख्या को अत्यधिक महत्व दिया। वह चार रंग की पोशाक को दिन में चार बार पहनते थे। चार प्रकार का भोजन , चार मेजों पर दिन में चार बार करते थे। चार प्रकार की शराब पीते थे। बग्घी में चार पहिए और चार ही घोड़े जुतते थे। उनके चार महत्व थे, उनमें चार-चार की दरवाजे और प्रत्येक महल में चार-चार कमरे प्रत्येक कमरे में चार-चार ही खिड़कियां। मृत्यु के दिन उनके समीप चार ही डॉक्टर उपस्थित थे उन्होंने चार बार “गुडवाय” कहा और ठीक चार बज कर चार मिनट पर इस संसार से विदा हो गये संयोगवश संयुक्त राज्य अमेरिका के इतिहास में 160 वर्षों से एक विचित्र परम्परा ही दिखाई पड़ती है। प्रति 20 वर्ष पर राष्ट्रपति की मृत्यु अपने की कार्यकाल में हो जाया करती थी। 1न्40 में 6न् वर्षीय विलियम हैरीसन राष्ट्रपति बनें। मार्च 1न्41 में निमोनिया से मृत्यु हो गयी। 1न्60 में लिंकन राष्ट्रपति बने और इनकी हत्या 1न्65 में हो गयी। 1न्न्0 में प्रेसीडेण्ट गारफील्ड राष्ट्रपति बने और अगले वर्ष गोली लगने के कारण मर गये। 1920 में प्रेसीडेन्ट हार्डिग ने कार्य भार सम्भाला । ये स्वाभाविक मृत्यु से 1923 में मर गये। 1940 में फ्रेंकलिन रुजवेल्ट राष्ट्रपति बने और 1945 आते-आते मर गये। 1960 में प्रेसीडेन्ट कैनेडी ने अपनी 1960 की मृत्यु के पूर्व तक राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। 1न्60] 1900] 1940 में चुने सभी राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में मरे तो थे ही , सब दूसरी बार राष्ट्रपति कार्यकाल में थे। अमरीका के जिम विशप अपने तुलनात्मक अध्ययन से यह सिद्ध कर दिया है। कि जान एफ, कैनेडी ही अब्राहम लिंकन थे। चालीस वर्ष की आयु के लिंकन को राष्ट्रपति बनने की इच्छा हुयी थी, कैनेडी को भी। दोनों विश्व शान्ति के प्रयासों में संलग्न रहे और नीग्रो स्वतंत्रता को भी उन्होंने समान रूप से चाहा। लिंकन के चार बच्चे थे दो मर गये, दो उनके साथ रहते थे। कैनेडी के भी चार पुत्र हुये दो मर गये दो जीवित रहे। लिंकन की पहली पत्नी फैशनेबल थी, कविता व पेंटिंग में उसकी रुचि थी। ठीक इसी स्वभाव की पत्नी कैनेडी की थी । दोनों की आस्था धार्मिकता की ओर थीं भोजन में स्पर्श दोनों को प्रिय था। लिंकन 1861 में राष्ट्रपति बने तो कैनेडी 1961 में । लिंकन के प्राइवेट सेक्रेटरी का नाम था कैनेडी और कैनेडी काकन । दोनों की मृत्यु शुक्रवार के दिन हुई। दोनों ही गोली के शिकार हुये और जान्सन नामक उपराष्ट्रपतियों ने ही दोनों का पद सम्भाला। साइप्रस के शासनाध्यक्ष मकरिआस के जीवन में 13 का अंक कुछ उसे की संयोग लाता रहा। 10 अगस्त, 1913 को उनका जन्म हुआ। 13 वर्ष की आयु में चर्च में भर्ती हुये। 13 नवम्बर , 1946 में उन्होंने प्रीस्ट दीक्षा ली। 13 जून, 1948 में विशप बने तथा राजगद्दी पर बैठे। 13 मार्च, 1951 में यूनान के राजा ने उनका अभिनंदन किया 13 दिसम्बर 1951 को वे राष्ट्रपति चुने गये। भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व लाल बहादुर शास्त्री के जीवन में मंगलवार का विशेष महत्व रहा। बचपन में एक बार वे गंगा में डूबते डूबते बचे वह दिन भी मंगलवार था। यू0 पी0 पार्लियामेन्टरी बोर्ड के मंत्री 1947 में पुलिस एवं यातायात मन्त्री 1951 में रेलमंत्री 1957 में परिवहन मन्त्री आदि पद उन्होंने मंगलवार के दिन ही प्राप्त किये। यहाँ तक कि वे प्रधानमंत्री भी मंगलवार को ही बने। मंगलवार को ही उन्हें स्व राधाकृष्णन ने भारत रत्न की उपाधि से विभूषित किया। ताशकन्द वार्ता भी उन्होंने गलवार को प्रारम्भ की और अन्त में उन्होंने अपना पार्थिव शरीर भी मंगलवार के दिन छोड़ा आयरलैण्ड के क्रुक हैवेन शहर में एक ही मकान में रहने वाले दो दम्पत्तियों के एक की दिन कुछ मिनटों के अन्तर से दो पुत्र पैदा हुए। नाम रखा गया एलेनर गेड़ी तथा पैट्रिक। दोनों बच्चे अलग-अलग खेलते किन्तु एक दिन दोनों रोते-रोते घर पहुंचे ते उनके माता-पिता ने देखा कि दोनों के पैर में एक ही स्थान पर चोट लगी थी। दोनों बच्चे पढ़ रहे थे तब कई बार ऐसा हुआ कि दोनों को परीक्षा में समान अंक मिले। दोनों का विवाह एक साथ तय हुआ। शादी के बाद पहला बच्चा भी दोनों के एक ही दिन हुआ। प्रेरिक और ऐलेनर 16 वर्ष की आयु में एक ही दिन बीमार पड़े और साथ ही मृत्यु भी दोनों की एक ही समय में हुयी ।इन घटनाओं से आयरलैण्ड के शिक्षित व्यक्ति भी इस बात को मानने लगे। कि कोई एक सार्वभौमिक सत्ता व नियम सृष्टि में अवश्य काम कर रहा है। उपरोक्त सारे प्रमाण बताते हैं कि कुदरत का खेल विचित्र और बड़ी पहेलियों से भरा -पूरा हैं ।


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