श्री अरविन्द (Kahani)

November 1995

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

राष्ट्र विद्यालय चलाने के लिए योग्य संचालक की नियुक्ति के बारे में बात चल रही थी। किन्तु आर्थिक परिस्थिति कुछ ठीक नहीं थी अतः 75 (पचहत्तर) रुपये से अधिक देने की क्षमता नहीं थी। पर जिस योग्यता वाले व्यक्ति की आवश्यकता थी वह 500 (पाँच सौ ) से कम का नहीं हो सकता था। तो भी हिम्मत कर के विज्ञापन दिया गया।

दूसरे दिन 750( साड़े सात) सौ रुपया पाने वाला व्यक्ति उपस्थित हुआ तो लोग आश्चर्य में डूब गये और कहने लगे। देश समाज की आवश्यकता को समझने वाले त्यागियों की अभी कमी नहीं। यह व्यक्ति बड़ौदा कॉलेज के अध्यक्ष श्री अरविन्द थे जिन्होंने उस सम्मान को ठुकरा कर केवल 75 ( पचहत्तर ) रुपये तक में काम किया।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles