जिसका मन हार जाता है वह बाहुबल व बहुत कुछ होते हुए भी अन्त में असफल रहता है। जो शक्ति न रहते हुए भी मन से नहीं हारता उसको दुनिया की कोई शक्ति परास्त नहीं कर सकती।