चापलूस मित्र (Kahani)

July 1994

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गुण ग्राह्यता का संबंध चापलूसी और चाटुकारी के साथ स्थापित नहीं किया जा सकता। एक स्वरूप सच्चा होता है तो दूसरे का झूठा। एक हृदय क्षेत्र की उपज है तो दूसरी जिव्हा की। एक निःस्वार्थ होता है, तो दूसरा स्वार्थमय। एक की सर्वत्र प्रशंसा होती है, तो दूसरे की निंदा। मैक्सिको नगर के चेपल टेपक भवन में जनरल ओब्रग्रोन की प्रतिमा प्रतिस्थापित है जिसके नीचे उनके उपदेशों का सार संक्षेप खुदा हुआ है “आक्रमण करने वाले शत्रु से मत डरो किंतु चापलूस मित्रों के कपटपूर्ण व्यवहार के अवश्य बचाव का उपाय करना चाहिए।


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