स्वर्ग परिष्कृत दृष्टिकोण का नाम है। वह अपनी उत्कृष्टता के कारण विपन्नताओं के बीच भी प्रसन्नता भरे वातावरण का सृजन कर लेता है।
-पं. श्रीराम शर्मा आचार्य