शिक्षा संवर्धन की व्यावहारिक योजना

February 1988

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

ष्ह्नद्ध)द्गह्द्म द्दद्ध शद्द द्धश'द्मह्य"द्मह्द्म द्दस्] द्धह्लद्यस्रह्य द्यद्दद्मद्भह्य द्गह्वह्न"; क्द्मस्द्भ द्ब'द्मह्न स्रह्य ष्द्धश्च क्ह्द्भ ष्ह्वह्द्म द्दस््न क्ह्वद्ब<&क्ह्वद्ब<+ द्भद्दह्वह्य स्रद्ध द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्यड्ड स्रद्मह्यर्ड्ढं द्बह्यंक द्बभ्ह्लह्वह्व स्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्म॥द्मद्ध स्रद्धक्चह्वद्मर्ड्ढं द्यह्य द्बख्द्भद्ध स्रद्भ द्बद्मह्द्म द्दस््न 'द्मद्मद्भद्धद्धद्भस्र छ्वद्ग॥द्मद्भ स्रद्ध म्द्मद्गह्द्म शद्मब्ह्य द्धह्लठ्ठफ्द्ध स्रह्य द्धठ्ठह्व द्दद्ध द्धस्रद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ फ्ह्नह्लद्मद्भ द्बद्मह्ह्य द्दस््न द्वद्दह्यड्ड द्य॥; द्यद्गह्नठ्ठद्म; स्रद्ध द्बड्डद्धष्ठह् द्गह्यड्ड ष्स्क्च द्यस्रह्वह्य स्रद्म द्यह्न;द्मह्यफ् द्धद्गब्ह्द्म द्दद्ध ह्वद्दद्धड्ड्न ड्ढद्यद्धब्, द्दद्भ द्धस्रद्यद्ध स्रह्य द्धब्, क्द्मश';स्र द्दस् द्धस्र शद्द ष्ह्नद्ध)द्गद्मह्व ष्ह्वह्वह्य स्रद्म द्बभ्;क्रह्व स्रद्भह्यड्ड्न द्यद्गद्मह्ल स्रह्य द्गख्/र्द्मं; ह्र;द्धष्ठह्;द्मह्यड्ड स्रद्म स्रह्ह्र; द्दस् द्धस्र शह्ल ह्लह्व&ह्लह्व स्रद्मह्य ष्ह्नद्ध)द्गद्मह्व ष्ह्वद्मह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्यद्मद्गर्स्न;॥द्मद्भ द्बभ्;क्रह्व स्रद्भह्यड्ड्न

ड्ढद्यस्रह्य द्धब्, ठ्ठद्मह्य क्शब्श्वष्ह्व द्दस् &,स्र द्ध'द्मम्द्मद्म] ठ्ठख्द्यद्भद्म द्धशस्त्रद्म्न द्ध'द्मम्द्मद्म] द्यद्मम्द्मद्भह्द्म द्यह्य क्द्मद्भश्व॥द्म द्दद्मह्यह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ द्धशस्त्रद्मब्;द्मह्यड्ड स्रद्ध द्वक्कश्च स्रम्द्मद्म,ड्ड द्वक्रद्मद्ध.र्द्मं स्रद्भह्वह्य] द्ध'द्मंघद्ब ह्र;शरुद्मद्म;] स्रब्द्म] स्रद्मस्'द्मब् क्द्मद्धठ्ठ द्गह्यड्ड द्बभ्शद्ध.द्म द्दद्मह्यह्वह्य ह्स्र श्चब्द्ध ह्लद्मह्द्ध द्दस््न रुद्मंखष्ठंकद्भ] ड्ढह्लद्धद्धह्व;द्भ] शस्रद्धब्] क्/;द्मद्बस्र] द्यद्मद्धद्दक्र;स्रद्मद्भ] स्रब्द्मस्रद्मद्भ क्द्मद्धठ्ठ ड्ढद्यद्ध द्यद्गह्नठ्ठद्म; द्गह्यड्ड क्द्मह्ह्य द्दस्ड्ड्न

द्धशस्त्रद्म स्रद्म रुश:द्ब द्दस् & द्धश्चह्ह्व] ह्र;शद्दद्मद्भ द्गह्यड्ड क्द्मठ्ठ'र्द्मंशद्मठ्ठद्ध द्वक्रस्रक्व"कह्द्म स्रद्म द्यद्गद्मशह्य'द्म्न /द्मर्द्गं] क्/;द्मक्रद्गस्र] ह्क्रशठ्ठ'र्द्मंह्व] ह्वद्धद्धह्] स्रह्ह्र;] द्बद्भद्गद्मस्नर्द्मं क्द्मद्धठ्ठ स्रह्य त्त्द्मद्भद्म ड्ढद्यद्ध क्द्मश';स्रह्द्म स्रद्ध द्बख्द्धह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न ट्टट्टद्धशस्त्र;द्मरुद्गक्वह्द्ग'ह्वह्नह्ह्यट्टट्ट स्रह्य द्यख्= द्गह्यड्ड] ट्टट्ट;द्म द्धशस्त्रद्म द्यद्म द्धशद्गह्नष्ठह्;ह्यट्टट्ट स्रह्य 'द्मद्मरु= शश्चह्व द्गह्यड्ड;द्दद्ध ष्ह्द्म;द्म फ्;द्म द्दस् द्धस्र ह्र;द्धष्ठह्क्रश स्रद्म द्धशस्रद्मद्य] द्बभ्[द्मद्भ द्बभ्द्धह्॥द्मद्म स्रद्म द्धह्व[द्मद्मद्भ ड्ढद्यद्ध क्द्म/द्मद्मद्भ द्बद्भ द्यड्ड॥द्मश द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न

'द्मद्भद्धद्भ स्रह्य द्धब्, द्धह्लद्य द्बभ्स्रद्मद्भ क्द्मद्दद्मद्भ&क्द्मक्कहृद्मठ्ठह्व स्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्म द्दस्] द्वद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ क्द्मक्रद्गद्म स्रद्ध॥द्मख्[द्म ष्ह्न>द्मह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्ध'द्मम्द्मद्म क्द्मस्द्भ द्धशस्त्रद्म स्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्म द्दस््न ड्ढह्व ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्यड्ड द्यह्य शड्डद्धश्चह् द्धस्रद्यद्ध॥द्मद्ध द्गह्वह्न"; स्रद्मह्य ह्वद्दद्धड्ड द्भद्दह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न ड्ढद्दह्यड्ड क्द्धर्ह्लंह् स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्दद्भ द्धस्रद्यद्ध स्रद्मह्य द्बभ्द्म.द्मद्ब.द्म द्यह्य द्बभ्;क्रह्व स्रद्भह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न द्धह्लह्वद्गह्यड्ड द्वठ्ठद्मद्भशद्मठ्ठद्ध द्यद्द−ठ्ठ;ह्द्म द्दस्] ह्लद्मह्य क्द्मक्रद्ग&स्रंघ;द्म.द्म क्द्मस्द्भ ब्द्मह्यस्र&स्रंघ;द्म.द्म द्गह्यड्ड क्द्ध॥द्म:द्धश्च द्भ[द्मह्ह्य द्दद्मह्यड्ड] द्वह्वस्रह्य द्धब्, क्द्मश';स्र द्दस् द्धस्र द्ध'द्मम्द्मद्म क्द्मस्द्भ द्धशस्त्रद्म द्यह्य ह्लह्व&ह्लह्व स्रद्मह्य ब्द्म॥द्मद्मद्धशह् स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्धब्, ह्लद्मह्य द्यश्व॥द्मश द्दद्मह्य] द्यद्मह्य द्यष् स्रह्नहृ स्रद्भह्यड्ड्न

द्धशस्त्रद्मद्म द्यह्य द्बर्ख्शं द्ध'द्मम्द्मद्म स्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्म द्दस््न ड्ढद्यस्रह्य द्धष्ह्वद्म ठ्ठक्वद्ध"कस्रद्म.द्म स्रद्म द्वठ्ठद्मद्भ&द्वठ्ठद्मह् ष्ह्व द्यस्रह्वद्म स्रद्धक्चह्व द्दस््न स्रद्मह्यर्ड्ढं क्द्बशद्मठ्ठ द्दद्ध,ह्यद्यह्य द्धद्गब्ह्ह्य द्दस्ड्ड] द्धह्लह्वद्गह्य द्धष्ह्वद्म द्ध'द्मम्द्मद्म स्रह्य॥द्मद्ध स्रद्मह्यर्ड्ढं द्यह्नद्धशस्रद्धद्यह्&द्यह्नरुद्मड्डरुस्रक्वह् ष्ह्व द्यस्रद्म द्दद्मह्य्न

क्द्बह्वह्य ठ्ठह्य'द्म स्रद्म ड्ढद्यह्य ठ्ठह्न॥द्मर्द्मंग; द्दद्ध स्रद्दह्वद्म श्चद्मद्धद्द, द्धस्र क्॥द्मद्ध॥द्मद्ध क्द्ध/द्मस्रद्मड्ड'द्म ह्र;द्धष्ठह् क्ह्वद्ब<+ द्दस््न द्ध'द्मद्धम्द्मह्द्मह्यड्ड स्रद्ध द्यड्ड[;द्म द्गह्नद्ध'स्रब् द्यह्य 30 द्बभ्द्धह्'ह् द्दस््न ड्ढह्वद्गह्यड्ड॥द्मद्ध क्द्ध/द्मस्रह्द्भ 'द्मद्दद्भ&स्ररुष्टद्मद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्भद्दह्ह्य द्दस्ड्डड्ड्न ठ्ठह्यद्दद्मह्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ष्क्कश्चह्य ह्द्मह्य रुस्रख्ब् ह्लद्मह्वह्य ब्फ्ह्ह्य द्दस्ड्ड] द्बद्भ द्बभ्द्मस्< ह्वद्भ&ह्वद्मद्भद्ध] द्धह्लह्वस्रह्य द्दद्मस्नद्म द्गह्यड्ड ह्र;शरुस्नद्मद्म द्दस्] शह्य क्ह्वद्ब< द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्यड्ड हृद्मह्यंकह्य&हृद्मह्यंकह्य ठ्ठह्यद्दद्मह्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्भद्दह्ह्य द्दह्न, द्धस्रद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ द्धठ्ठह्व फ्ह्नह्लद्मद्भ द्भद्दह्यड्ड द्दस्ड्ड्न ड्ढद्यद्ध शफ् स्रद्मह्य द्ध'द्मद्धम्द्मह् ष्ह्वद्मह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्धशश्चद्मद्भ'द्मद्धब्ह्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्बभ्;क्रह्व स्रद्भह्वद्म श्चद्मद्धद्द,] द्बभ्द्मस्< द्ध'द्मम्द्मद्म द्बद्भ द्बख्द्भद्ध ह्द्भद्द /;द्मह्व स्रह्यद्धठ्ठभ्ह् द्भद्दह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न ड्ढह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड ह्लद्मह्य ष्क्कश्चह्य रुस्रख्ब् द्गह्यड्ड द्ब< द्भद्दह्य द्दस्ड्ड] शह्य ह्द्मह्य ठ्ठद्य&द्बठ्ठभ्द्द श"र्द्मं ष्द्मठ्ठ द्दद्ध स्रह्नहृ स्रद्भ द्यस्रह्वह्य;द्मह्यंग; ष्ह्व द्बद्म;ह्यड्डफ्ह्यड्ड] ह्ष् ह्स्र स्रह्य द्धब्, द्बभ्ह्द्धम्द्मद्म द्गह्यड्ड ष्स्क्चद्म ह्वद्दद्धड्ड द्भद्दद्म ह्लद्म द्यस्रह्द्म द्दस््न रुस्रख्ब् ह्व;ह्य ष्<ह्य] द्यद्मह्य क्चद्धस्र द्दस्] द्बद्भ;द्द ह्द्मह्य शक्वम्द्मद्मद्भद्मह्यद्ब.द्म द्गद्म= द्दह्नक्द्म्न क्द्मश';स्रह्द्म द्वद्दह्यड्ड द्ध'द्मद्धम्द्मह् ष्ह्वद्मह्वह्य स्रद्ध द्यष्द्यह्य क्द्ध/द्मस्र द्दस्] ह्लद्मह्य ड्ढह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड॥द्मद्मद्भद्ध द्वक्रह्द्भठ्ठद्मद्ध;क्रश स्रड्ड/द्मद्मह्यड्ड द्बद्भ द्वक्चद्म;ह्य द्दह्न, द्दस्ड्ड्न

क्द्ध'द्मद्धम्द्मह् द्बभ्द्मस्<द्मह्यड्ड स्रद्मह्य स्रह्नहृ द्दद्ध द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्ध'द्मद्धम्द्मह् ष्ह्वद्मह्वह्य स्रद्म स्रर्द्म; द्यद्भस्रद्मद्भ द्बख्द्भद्म ह्वद्दद्धड्ड स्रद्भ द्यस्रह्द्ध्न द्वद्यस्रद्ध 'द्मद्धष्ठह् ह्द्मह्य 10 द्बभ्द्धह्'द्मह् स्रद्ध ह्लह्वद्यड्ड[;द्म शद्मब्ह्य ष्द्मब्स्रद्मह्यड्ड क्द्मस्द्भ द्धस्र'द्मद्मह्यद्भद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्ब<द्मह्वह्य द्गह्यड्ड द्दद्ध [द्मद्ब ह्लद्मह्द्ध द्दस््न द्बभ्द्मस्< द्ध'द्मम्द्मद्म स्रद्ध ह्र;शरुस्नद्मद्म ह्द्मह्य ह्लह्व&क्द्मठ्ठद्मह्यब्ह्व स्रह्य रुद्ब द्गह्यड्ड द्दद्ध स्रद्भह्वद्मद्ध श्चद्मद्धद्द,्न

द्बह्न:"द्मद्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, द्भद्मद्ध= द्बभ्द्मस्<&द्बद्मक्च'द्मद्मब्द्म,ड्डँ द्यह्नद्धश/द्मद्मह्लह्वस्र द्भद्दह्द्ध द्दस््न द्गद्धद्दब्द्मक्द्मह्यड्ड स्रह्य द्बद्मद्य द्ग/;द्मद्दद्मह्यश्र्द्मद्भ 1 द्यह्य 4 ह्स्र स्रद्म द्यद्ग;,ह्यद्यद्म द्दस्] द्धह्लद्यद्गह्यड्ड द्वद्दह्यड्ड स्नद्मद्मह्यरुद्ध क्तह्नद्भद्यह् द्भद्दह्द्ध द्दस््न ड्ढद्यद्ध द्यद्ग;द्गह्यड्ड ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्यड्ड स्रद्ध द्यह्नद्धश/द्मद्म स्रह्य क्ह्वह्न:द्ब द्बभ्द्मस्<&द्बद्मक्च'द्मद्मब्द्म,ड्ड श्चब्ह्वद्ध श्चद्मद्धद्द,्न ड्ढद्यस्रह्य द्धब्, क्द्मश';स्र शस्ह्द्धह्वस्र ह्वद्दद्धड्ड द्भ[द्मह्य ह्लद्म द्यस्रह्ह्य द्दस्ड्ड्न॥द्मद्मशह्वद्म'द्मद्धब् द्ध'द्मद्धम्द्मह्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्धशस्त्रद्म ट्ठ.द्म श्चह्नस्रद्मह्वह्य स्रह्य द्धब्, ड्ढद्य द्बभ्;द्मह्यह्लह्व स्रह्य द्धब्, द्यद्ग;ठ्ठद्मह्व स्रद्भह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न ब्द्मह्यस्र द्यह्यशद्ध॥द्मद्मशह्वद्म'द्मद्धब्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य ड्ढद्यद्ध स्रद्ध ह्र;शरुस्नद्मद्म रुस्नद्मद्मह्व&रुस्नद्मद्मह्व द्बद्भ ह्लह्नंकद्मह्वह्य स्रद्म द्बभ्;क्रह्व स्रद्भह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न ह्र;द्धष्ठह्फ्ह् :द्ब द्यह्य;द्द द्दद्मह्यह्वद्म श्चद्मद्धद्द, द्धस्र द्बभ्क्र;ह्यस्र द्ध'द्मद्धम्द्मह् स्रद्ग&द्यह्य&स्रद्ग द्बद्मड्डँश्च क्द्ध'द्मद्धम्द्मह्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्ध'द्मद्धम्द्मह् ष्ह्वद्मह्वह्य स्रद्ध द्बभ्द्धह्य़द्मद्भ स्रद्भह्य क्द्मस्द्भ द्वद्यह्य द्बख्द्भद्ध स्रद्भ द्धठ्ठ[द्मद्म;ह्य्न

रुस्रख्ब् ह्लद्मह्वह्य शद्मब्ह्य ष्क्कक्कद्मद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्धह्व/द्मर्द्मंद्धद्भह् द्बद्मक्च−;यद्ग द्बख्द्भद्म स्रद्भह्वह्य स्रद्ध ह्द्मह्य हृद्मह्यंकह्य&ष्रुह्य द्धशस्त्रद्मब्;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ह्र;शरुस्नद्मद्म द्दस्] द्बद्भ द्वद्दह्यड्ड द्यह्नद्यड्डरुस्रक्वह् ष्ह्वद्मह्वह्य] द्वठ्ठद्मश्र्द्म ठ्ठक्वद्ध"कस्रद्मह्य.द्म क्द्बह्वद्म द्यस्रह्वह्य स्रद्ध ह्र;द्मशद्दद्मद्धद्भस्र द्ध'द्मम्द्मद्म स्रद्म शद्दद्मड्डँ॥द्मद्ध क्॥द्मद्मश द्दस््न ड्ढद्य स्रद्गद्ध स्रद्मह्य द्बख्द्भद्म स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्दद्भ ह्लफ्द्द रुस्रख्ब्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ष्श्चह्य द्यद्ग; द्गह्यड्ड ठ्ठद्मह्य&ह्द्धह्व?द्मड्डंकह्य स्रद्ध ष्द्मब् द्यड्डरुस्रद्मद्भ'द्मद्मब्द्म श्चब्द्मह्वह्य स्रद्ध ह्र;शरुस्नद्मद्म द्दद्मह्यह्वद्ध श्चद्मद्धद्द,्न रुस्नद्मद्मह्व&द्गड्डद्धठ्ठद्भद्मह्यड्ड] /द्मर्द्गं'द्मद्मब्द्मक्द्मह्यड्ड] श्चद्मस्द्बद्मब्द्मह्यड्ड क्द्मद्धठ्ठ द्गह्यड्ड स्रह्नहृ?द्मड्डंकद्मह्यड्ड द्बभ्;द्मह्यफ् स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्धद्गब् द्यस्रह्द्म द्दस््न

ष्द्मब् द्यड्डरुस्रद्मद्भ'द्मद्मब्द्मक्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड रुस्रख्ब् द्बद्मक्च द्बष्ठस्रद्म स्रद्भद्मह्वह्य स्रद्ध ह्र;शरुस्नद्मद्म द्दद्मह्य] ह्द्मद्धस्र शह्य क्क्कहृद्ध छ्वह्य.द्मद्ध द्गह्यड्ड द्वश्र्द्मद्ध.र्द्मं द्दद्मह्य द्यस्रह्य्न ड्ढद्यस्रह्य क्द्धह्द्धद्भष्ठह् द्वद्दह्यड्ड ह्वद्मफ्द्धद्भस्रह्द्म] द्यद्मद्गद्मद्धह्लस्रह्द्म] द्ध'द्म"कह्द्म] द्यञ्जह्वह्वह्द्म] द्यह्यशद्म॥द्मद्मशह्वद्म] द्यड्ड;द्ग ह्लस्द्यह्य द्यठ्ठ−फ्ह्न.द्मद्मह्यड्ड स्रद्म द्गद्दक्रश क्द्मस्द्भ ह्लद्धशह्व द्गह्यड्ड द्वह्द्मद्भह्वह्य स्रद्ध द्बभ्द्धय;द्म द्यद्ग>द्म;द्ध ह्लद्मह्वद्ध श्चद्मद्धद्द,्न ड्ढद्यद्ध द्यद्ग; द्गह्यड्ड रुशद्मरुस्न; द्भम्द्मद्म] द्बद्धद्भशद्मद्भ ह्र;शरुस्नद्मद्म] द्यद्गद्मह्ल द्यह्यशद्म] ठ्ठक्वद्ध"कस्रद्मह्य.द्म द्बद्धद्भ"स्रद्मद्भ ञ्जद्मस्द्यह्य ह्र;द्मशद्दद्मद्धद्भस्र ह्लद्धशह्व द्गह्यड्ड स्रद्मद्ग क्द्मह्वह्य शद्मब्द्ध ह्लद्धशह्वस्रब्द्म स्रद्म द्ध'द्मम्द्म.द्म द्धठ्ठ;द्म ह्लद्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न ड्ढद्यस्रद्ध ह्र;शरुस्नद्मद्म क्द्मस्द्भ द्ध'द्मम्द्मद्म शह्य ब्द्मह्यफ् क्द्बह्वह्य स्र/द्मद्मह्यड्ड द्बद्भ क्शस्ह्द्धह्वस्र :द्ब द्यह्य ब्ह्यड्ड] द्धह्लह्वद्गह्यड्ड द्गद्मह्वशद्ध फ्द्धद्भद्गद्म स्रद्मह्य ह्लद्धशह् द्भ[द्मह्वह्य स्रद्ध ब्ब्स्र द्दस््न ष्द्मब् द्यड्डरुस्रद्मद्भ'द्मद्मब्द्मक्द्मह्यड्ड स्रद्म फ्क्चह्व द्दद्भ ह्लफ्द्द द्दद्मह्यह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न

द्वद्बद्भद्मह्यष्ठह् ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्यड्ड द्ध'द्मम्द्मद्म&द्यड्डश/र्द्मंह्व द्बभ्;द्मह्यह्लह्वद्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, ष्ठ;द्म द्धस्र;द्म ह्लद्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,झ्र ब्म्; स्रद्मह्य श;शद्दद्मद्भ द्गह्यड्ड द्बद्धद्भ.द्मह् स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्धब्, ष्ठ;द्म द्धशस्त्रद्मब् क्द्बह्वद्म;द्ध ह्लद्मह्वद्ध श्चद्मद्धद्द,झ्र ड्ढद्यस्रद्म द्यद्मड्डफ्द्मह्यद्बद्मड्डफ् द्ध'द्मम्द्म.द्म 'द्मद्मद्धह्स्रह्नड्डह्ल स्रद्ध ह्द्धह्व द्गद्दद्धह्वह्य शद्मब्द्ध द्ध'द्मम्द्मद्म द्गह्यड्ड द्यद्धश्वद्गद्धब्ह् द्दस््न

द्यद्मम्द्मद्भह्द्म स्रह्य द्वद्बद्भद्मह् ह्लद्धशह्व स्रह्य द्धशद्ध॥द्मह्व द्बम्द्मद्मह्यड्ड द्बद्भ द्बभ्स्रद्म'द्म रुद्मब्ह्वह्य शद्मब्ह्य क्द्मस्द्भ द्यद्गरु;द्मक्द्मह्यड्ड स्रह्य द्यद्ग;द्मह्वह्नद्यद्मद्भ ह्र;शद्मद्दद्मद्धद्भस्र द्यद्गद्म/द्मद्मह्व द्बभ्रुह्ह्नह् स्रद्भह्वह्य शद्मब्द्म द्यद्मद्धद्दक्र; ह्लह्नंकद्म;द्म ह्लद्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न;द्द स्रर्द्म; द्बह्नरुह्स्रद्मब्;द्मह्यड्ड स्रह्य द्गद्म/;द्ग द्यह्य द्दद्ध द्दद्मह्य द्यस्रह्द्म द्दस््न द्दद्भ द्ध'द्मद्धम्द्मह् ड्ढह्ह्वद्म क्द्ध/द्मस्र [द्मद्भद्धठ्ठह्ह्य द्भद्दह्वह्य स्रद्ध द्धरुस्नद्मद्धह् द्गह्यड्ड ह्वद्दद्धड्ड द्दद्मह्यह्द्म्न ड्ढद्यद्धब्, द्धशस्त्रद्मब्;द्मह्यड्ड स्रद्ध ह्द्भद्द द्यठ्ठ−य़द्मह्व&द्यड्डश/र्द्मंह्व स्रद्भ द्यस्रह्वह्य शद्मब्ह्य द्बह्नरुह्स्रद्मब्;द्मह्यड्ड स्रद्ध रुस्नद्मद्मद्बह्वद्म क्द्मस्द्भ द्वह्वस्रह्य द्यड्डश्चद्मब्ह्व स्रद्ध ह्र;शरुस्नद्मद्म द्दद्मह्यह्वद्ध श्चद्मद्धद्द,्न स्रद्मद्ग द्धरुस्नद्मद्भ द्बह्नरुह्स्रद्मब्;द्मह्यड्ड द्यह्य॥द्मद्ध ह्वद्दद्ध श्चब्ह्द्म] ष्ठ;द्मह्यड्डद्धस्र ब्द्मह्यफ्द्मह्यड्ड द्गह्यह्यड्ड रुशद्म/;द्म; स्रद्ध क्द्ध॥द्म:द्धश्च द्दस् द्दद्ध ह्वद्दद्धड्ड्न द्ब<ह्य&द्धब्[द्मह्य ब्द्मह्यफ्॥द्मद्ध द्गह्वद्मह्यद्भड्डह्लस्र द्यद्मद्धद्दक्र; द्ब<ह्ह्य द्दस््न द्यठ्ठ−य़द्मह्व द्यड्डश/र्द्मंह्व शद्मब्द्म द्यद्मद्धद्दक्र; द्दद्भ द्ध'द्मद्धम्द्मह् स्रद्मह्य?द्मद्भ ष्स्क्चह्य द्धष्ह्वद्म द्गख्घ; द्वद्बब्ष्ट/द्म द्दद्मह्य] ड्ढद्यस्रह्य द्धब्, >द्मह्यब्द्म द्बह्नरुह्स्रद्मब्; ह्लस्द्यद्ध श्चब् द्बभ्द्धय;द्म द्दद्ध द्यद्मस्नर्द्मंस्र द्धद्य) द्दद्मह्य द्यस्रह्द्ध द्दस््न द्ध'द्मम्द्मद्म&द्यड्डश/र्द्मंह्व स्रह्य द्धब्, रुस्रख्ब्द्ध हृद्म=द्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, ष्द्मब् द्यड्डरुस्रद्मद्भ'द्मद्मब्द्म] द्बभ्द्मस्<द्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, द्बभ्द्मस्<&द्बद्मक्च'द्मद्मब्द्म] द्ध'द्मद्धम्द्मह्द्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, श्चब् द्बह्नरुह्स्रद्मब्;द्मह्यड्ड स्रह्य द्यड्डश्चद्मब्ह्व स्रद्ध ह्र;शरुस्नद्मद्म द्दद्मह्यह्वद्ध श्चद्मद्धद्द,्न ड्ढद्यद्ध क्द्म/द्मद्मद्भ द्बद्भ क्द्ध'द्मद्धम्द्मह्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्ध'द्मद्धम्द्मह् क्द्मस्द्भ द्ध'द्मद्धम्द्मह्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्धशश्चद्मद्भ'द्मद्धब् ष्ह्वह्वह्य स्रद्ध द्बभ्द्धय;द्म द्बख्द्भद्ध स्रद्ध ह्लद्म द्यस्रह्द्ध द्दस््न द्यद्गफ्भ् द्बह्नह्वह्न:क्रस्नद्मद्मह्व स्रह्य द्धब्,;द्द द्बभ्स्नद्मद्ग द्यद्मह्यद्बद्मह्व द्दस््न ड्ढद्यस्रह्य क्द्बह्वह्य द्बद्धद्भशद्मद्भ द्गह्यड्ड] द्बरुद्मह्यद्य द्गह्यड्ड द्यह्नह्र;शद्धरुस्नद्मह् द्यद्गद्मह्ल द्गह्यड्ड द्धस्रद्य द्बभ्स्रद्मद्भ स्रद्म;र्द्मंद्धशह् द्धस्र;द्म ह्लद्म;झ्र ठ्ठह्य'द्म द्यह्यशद्म स्रद्म] क्द्मक्रद्गद्यड्डह्द्मह्य"द्म स्रद्म;द्द स्रर्द्म; स्रद्मस्ह्व द्धस्रद्य द्बभ्स्रद्मद्भ द्यश्वद्बह्व स्रद्भह्यझ्र ड्ढद्यस्रद्ध द्यद्गफ्भ् ह्लद्मह्वस्रद्मद्भद्ध ह्द्धह्व द्गद्दद्धह्वह्य शद्मब्ह्य 'द्मद्मद्धह्स्रड्डह्नह्ल स्रह्य द्बभ्द्ध'द्मम्द्म.द्म द्य=द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ठ्ठद्ध ह्लद्मह्द्ध द्दस््न ड्ढद्यह्य द्ध'द्मम्द्मद्म द्यड्डश/र्द्मंह्व स्रद्ध द्गद्दद्मह्व;द्मह्यह्लह्वद्म द्गद्मह्वद्म ह्लद्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118