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February 1983

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स्वयं ब्रह्मा स्वयं विष्णुः स्वयमिन्द्रः स्वयं शिव। स्वयं विश्वमिवं सर्व स्वस्मादन्यन्न किंचन॥ -विवेक. -389

‘यह आत्मा ही ब्रह्मा, विष्णु अथवा शिव है, यही सारा विश्व है, आत्मा से व्यतिरिक्त और कुछ भी नहीं है।


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