सत्रों सम्बन्धी आवश्यक ज्ञातव्य
शान्तिकुँज के त्रिविधि सत्रों सम्मिलित होने वाले शिक्षार्थियों को अपने परिचय समेत अलग अलग आवेदन पत्र भेजना चाहिए। भोजन व्यय सभी को अपना वहन करना होगा। उचित मूल्य पर भोजन मिलने के लिए अलग से भोजनालय की व्यवस्था कर दी गयी है।
इस बात तीनों सत्रों की पाठ्य पुस्तकें छपी हैं। इनके सहारे शिक्षण को हृदयंगम करने की बात अच्छी तरह बन जाती है। प्रकाशन इस प्रकार हुआ है−
प्रज्ञा परिजन सत्र(एक मई से) (1)तीर्थ सेवन से आत्म परिष्कार (2)तीर्थों की प्राणवान प्रेरणायें (3)आत्म शुद्धि के लिये प्रायश्चित उपचार।
युग शिल्पी सत्र (एक जन से)− (1) युग शिल्पी का चिन्तन और चरित्र (2) सृजन शिल्पियों की योजनाबद्ध कार्य पद्धति (3) जड़ी बूटीयों द्वारा स्वास्थ्य संरक्षण (4) आसन प्राणायाम से आधि व्याधि निवारण (5) गायत्री यज्ञ और षोडश संस्कार। प्रज्ञा पुराण इसके अतिरिक्त है।
कल्प साधना सत्र (एक जुलाई से)−−(1) साधना से सिद्धि−भाग 1 (2) साधना से सिद्धि भाग 2 (आहार कल्प)।
भोजन व्यय,मार्ग व्यय,पाठ्य पुस्तक खरीद आदि की व्यवस्था बनाकर ही घर से चलें। आवश्यक वस्त्र बिस्तर आदि साथ लेकर आयें शिक्षार्थी अधिक,स्थान कम रहने से इच्छित सत्र में स्थान न मिले तो अन्य किसी सत्र जिसकी सुविधा हो विकल्प के रूप में आवेदन पत्र मँगाकर उसे भरकर उसके साथ ही लिख भेजें। स्वीकृति मिलने पर ही आएँ।