Quotation

July 1982

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

करिष्यामि करिष्यामि करिष्यामिति चिन्ताया। मरिष्यामि मरिष्यामि मरिष्यामिति विस्मृत॥

अर्थात्— मैं एक दिन मर जाऊँगा, मर जाऊँगा निश्चय ही शरीर नाशवान् है, यह भूलकर मनुष्य यह करूंगा, वह करूंगा, अभी सब कुछ करने को पड़ा है,यही सोचता रह जाता है और परलोक जैसी महत्वपूर्ण आवश्यकता अधूरी की अधूरी रह जाती है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles