विन्दु ब्रह्मासकृद्दृष्ट्वा मनस्तस्मिन्नियोजयेत्। स्वयंमेव तु संपश्येदेह विन्दुँ च निष्फल्।
भ्रूदहरादुपरि सच्चिदानन्द तेजः कूट रुपम्। परब्रह्म अवलोकयन्तद्र पो भवति गर्भजन्मजरा। मरण संसारभयातसंतारयेति तस्यात्तारक मिति॥ — महायोग विज्ञान
अर्थात्− भू मध्य भाग के ऊपर सच्चिदानंदय तेज राशि विद्यमान है उसे परब्रह्म कहते हैं। इस ब्रह्म बिन्दु को जन्म मरण से छुड़ता है संसार सागर से पार करता है इसलिए उसे तारक ब्रह्मा भी कहते हैं। यह बिन्दु ध्यान तारक योग भी कहलाता है।
स ज्योर्तिषा अभूमेति से देवैरभूमत्येदेतदाह।
हम उस परम ज्योति में अपनी मिलाकर ही देवताओं की पंक्ति में बैठ सकने योग्य बनें।