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June 1976

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उत्साहसम्पन्नदीर्घसूत्रं क्रियाविधिज्ञं व्यसनेष्वसक्तम्। शूर कृतज्ञं दृढसौहृदं च लक्ष्मीः स्वयं मार्गति वासहेतोः॥

उत्साह से सम्पन्न विलम्ब न करने वाले, काम की रीति जानने वाले, निर्व्यसन, शूर, कृतज्ञ और मित्रता को निभाने वाले को लक्ष्मी ढूंढ़ कर अपना निवास-स्थान बनाती है।

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