आशा नाम मनुष्याणां काचिदाश्चर्यश्रृंखला ।
यथा बद्धाः प्रधावन्ति मुक्तास्तिष्ठन्ति पगुवत्॥
मनुष्यों के लिए आशा नाम की यह कोई आश्चर्य शृंखला ही है जिस में बद्ध होने से मनुष्य इधर-उधर भागते फिरते हैं और इससे मुक्त होने पर पंगु के समान निश्चल रहते हैं।
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