महामना मालवीय (kahani)

May 1975

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महामना मालवीय किसी बहुत जरूरी काम से जा रहे थे। सड़क के किनारे उन्हें एक बीमार बुढ़िया कराहती हुई पड़ी दिखाई दी।

गाड़ी रुकवाई और बुढ़िया को अपनी गाड़ी में लादकर अस्पताल पहुँचाया।

साथी वकील ने पूछा− ऐसे छोटे काम के लिए आपको अपना बहुमूल्य समय यूँ  ही नहीं गवाना चाहिए था ? मालवीय जी ने गम्भीरतापूर्वक कहा− पीड़ितों की सहायता से बढ़कर और क्या महत्त्वपूर्ण या आवश्यक कार्य हो सकता है?


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