सन् 1962 में शुक्र ग्रह की खोज-खबर लेने के लिए अमेरिका ने ‘मेरीनर-1’ राकेट छोड़ा था। पर उस योजना पर खर्च हुए करोड़ों डालर, बेकार चले गये। राकेट अपने रास्ते से भटक कर कहीं का कहीं चला गया।
इस असफलता का कारण क्या था? इसकी जाँच बिठाई गई। पता चला कि यात्रा पथ निर्धारित करने में जो गणित किया गया था, उसमें एक स्थान पर एक ऋण चिन्ह (-) गणित कर्त्ताओं की भूल से छूट गया था। उतनी सी छोटी भूल से संसार भर में अमेरिका अन्तरिक्ष विज्ञानियों को नीचा दिखाया।
अमेरिका के अन्तरिक्ष विज्ञानी जार्ज मुलर के दफ्तर में ठीक उनके सामने की दीवार पर एक मात्र चित्र टंगा है जिस पर ऋण (-) चिन्ह की एक छोटी सी रेखा भर चित्रित की गई है। उसके नीचे लिखा है-“भूल चाहे इतनी सी ही छोटी क्यों न हो, हानि इतनी बड़ी कर सकती है जिसके लिए बहुतों को बहुत पश्चाताप करना पड़े।