भविष्य की अँधियारी गलियों में भटकते फिरने की अपेक्षा यह अच्छा है कि हम वर्तमान पर ध्यान दें, उसे ही पकड़ने और संभालने में लग जावें।
किसका भविष्य क्या है, इसे कोई नहीं जानता। सतत् प्रयत्न करने पर भी कितनों को ही नितान्त असफलता ही हाथ लगती है। जो अनिश्चित है उससे सपनों में उलझना और आकाश कुसुम पाने के लिए बादलों में उड़ना बचपना भर है। प्रौढ़ता की निशानी यह है कि वर्तमान को समझे और उसका श्रेष्ठतम रीति-नीति से सदुपयोग करने में जुट जाय।
वर्तमान के अगणित कर्तव्य हमें घेरे खड़े हैं। क्यों न हम उन्हीं से निपटने में जुट पड़ें, ताकि उज्ज्वल भविष्य का सृजन हो सके। जो वर्तमान के प्रति तत्परता और वफादारी दिखा रहे हैं, उन्हें ही स्वर्णिम भविष्य का लाभ मिला है। वर्तमान को समझने और उसके अनुरूप गतिविधियाँ निर्धारण करने में जिन्होंने भविष्य की रंगीन कल्पनाओं की पतंगें उड़ाने में रुचि रखी, उन्हें वर्तमान का सदुपयोग करते नहीं बन पड़ा ; फिर उज्ज्वल भविष्य तो वे पा ही कैसे सकेंगे।
—फेंने लान