Quotation

October 1971

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

निश्चय ही पुकारने और खींचने में बड़ा अन्तर हैं-सहायता के लिये तुम सर्वदा पुकार सकते हो और पुकारना ही चाहिए और उसके बाद उत्तर आयेगा ग्रहण करने और आत्मसात् करने की तुम्हारी क्षमता के अनुपात में खींचना तो एक स्वार्थपूर्ण क्रिया है जो तुम्हारी क्षमता की अपेक्षा कहीं अधिक मात्रा में शक्तियों को उतार सकती है। और इस तरह वे हानि-कारक हो सकती हैं।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles