पिता जिस राह चलता था, पुत्र उससे एक अलग राह बनाता चल रहा था। पिता ने यह देखा तो बहुत गुस्सा हुआ, उसने कहा- ‘‘मूर्ख, जाना हमें एक ही स्थान पर है, फिर भिन्न पथ क्यों बनाता है।” पुत्र ने शाँत भाव से कहा- पिताजी, यह देखने के लिये कि क्या तुम जिस पथ पर चल रहे हो, उससे भी कोई सीधा और सच्चा रास्ता है।”