जिब्राइल के निमन्त्रण पर हजरत मुहम्मद एक बार स्वर्ग गये। वहाँ ऊँचे-ऊँचे स्वर्ण महल देख कर उन्हें प्रसन्नता हुई, पर आश्चर्य भी क्योंकि वे सब खाली पड़े थे।
जिब्राइल से पूछा- ‘‘यह मकान किसके लिये हैं?” उसने बताया- ‘‘जो न तो क्रोध करते हैं, न किसी का अपमान, शाँत और उद्वेग रहित पुण्यात्मायें यहाँ रहती हैं।” पर यह खाली क्यों हैं, मुहम्मद ने फिर पूछा? जिब्राइल ने कहा- महापुरुष, ऐसे धरती में स्वर्ग बना लेते हैं, इसलिये वे यहाँ तक आते ही नहीं।”