निर्माण यज्ञ!

February 1965

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डडडडड ने दिया नियन्त्रण डडडडडडडड बलिदान का !

डडडडड हो गया आज नकल निर्माण का !!

आयो होता बनकर उसने अपनी अञ्जलि डाल दो,

मुक्तिन्त्रमा के श्री चरणों में चढ़ा साधना थाल दो,

तुम्हें मिला जो अवसर अनुपम उसका उपयोग लो,

बेला है सामूहिक श्रम की उसमें अपना योग दो,

ध्यान रहे तुमको प्रतिक्षण अपने दायित्त्व महान का!

महायज्ञ आरम्भ हो गया आज नक्ल निर्माण का!!

जीवन के अभिनव सपनों को भू पर तुम्हें उतारना,

पावन डडडडड लाने की करो भगीरथ डडडडड,

कल्प वृक्ष बोओ तुम जिसमें सर्वसिद्धि का फल लगे,

राग प्रमाता का गाओ जिससे प्रसुप्त जीवन जगे,

अपनायो पथ तुम जन जन के हित का जग कल्याण!

महायज्ञ प्रारम्भ हो गया आज नक्ल निर्माण का!!

करो न जल्दी स्वार्थ, अहं से सर्वसिद्धि की कल्पना,

सब मिलजुल डड नारायण की करो आज डडड,

कमी ना रहे पाने अपूर्णा अन्तरतम के संकल्प है,

डडडडडड का सम्बोधन करना युग का काया कल्प है,

सर्जन करो सबल हाथों से नया रूप इन्सान का!

महायज्ञ प्रारम्भ हो गया आज नक्ल निर्माण का!!

-विद्यावती मिश्र.

*समाप्त*


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