आपके व्यक्तित्व का आकर्षण केन्द्र-सद्व्यवहार

January 1952

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सज्जन तथा दुर्जन, शिष्ट तथा अशिष्ट सुसंस्कृत और असभ्य में व्यवहार का अन्तर है। सभ्य व्यक्ति समाज का आकर्षक केन्द्र होता है। उसके आते ही समग्र समाज में आनन्द तथा उत्साह की चेतना फैल जाती है। सर्वत्र उसका आदर होता है। अपने इष्ट मित्रों, परिवार, दफ्तर, ऑफीसर, इत्यादि के सामने वह आदर और प्रतिष्ठा का पात्र होता है।

वर्ष-13 सम्पादक - श्रीराम शर्मा आचार्य अंक -1


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