Quotation

August 1941

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

तुमको सब से पहले आत्मज्ञान का ध्यान रखना जरूरी है। सुचरित्रों से आत्मज्ञान मिल सकता है। सुचरित्र मनुष्य वही होता है जो सत्य, दया, ब्रर्ह्मच परोपकारादि व्रतों का यथायोग्य पालन करता है। प्राणों के जाने के समय भी सत्य को नहीं छोड़ता है। स्वयं मरते हुए भी किसी को कष्ट नहीं पहुँचाता है।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles