लोगों की निन्दा स्तुति की तुम्हें जितनी ही अधिक चिंता होगी उतना ही तुम अपनी आत्मा का चिंतन कम करोगे।
जन्म कोलाहल करता आता है, मृत्यु दबे पावों आती है।