नेकी और भलाई को अपने अंदर धारण कर लेने से मनुष्य बुराई की सम्पूर्ण शक्तियों से सुरक्षित रहता है और परीक्षा के समय और भी दृढ़ हो जाता है। इन गुणों का अपने में उत्पन्न करना मानो अक्षय सुख और सफलता प्राप्त करना है।
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तुम्हें अपनी निर्बलताओं को दूर करने के लिए प्रतिदिन उद्योग करना चाहिए। निरंतर के प्रयत्न से हर कोई बुराई दूर हो सकती है।
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संसार का सारा ज्ञान पुस्तकों में भरा है। जिन बेचारों में पठन पाठन का व्यसन नहीं है वे सचमुच में बड़े अभागे हैं।