विपत्तियों को देख कर घबराओ मत। इनका परिणाम अच्छा है। विपत्ति सहने से मनुष्य में ऐसी शक्ति आ जाती है कि उसके सहारे वह साँसारिक कठिनाइयों का सामना कर सकता है।
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जिनको दूसरों की निन्दा करने में रस आता है वे मित्र बनाने की मोठी कला को नहीं जानते। वे फूट का बीज बोकर अपने मित्रों को शत्रु बनाते हैं।