भलाई से बढ़कर संसार में कोई प्रबल शक्ति नहीं है। भलाई में ऐसी प्रबल शक्ति है कि संसार का भाग्य सदैव भले मनुष्यों के हाथ में रहा है और रहेगा। भले मनुष्य ही संसार के नेता, पथ प्रदर्शक और उद्धारक होते हैं।
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तुम हीन, असमर्थ, कायर, दुर्बल और निस्तेज नहीं हो। तुम अमृत सन्तान और आत्म तेज के केन्द्र हो।