Quotation

November 1940

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इच्छाओं की पूर्ति से जो संतोष होता है वह क्षणिक और काल्पनिक होता है। इससे इच्छा पूर्ति की और अधिक चाह बढ़ती हैं। सच्चा सुख जिसे आनन्द और शान्ति भी कहते हैं वह अवस्था है जिसमें किसी प्रकार की इच्छा नहीं होती।

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तुम्हारी बाहरी दशा कैसी ही साधारण क्यों न हो किन्तु यदि अन्तःकरण असाधारण है तो निश्चय समझो तुम अपनी सारी परिस्थिति को बदल सकते हो।


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