Quotation

November 1940

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त्याग का तात्पर्य है दूसरों की तन, मन, धन से सेवा करना, उनसे प्रेम और सहानुभूति रखना और उन्हें अपने ज्ञान से लाभ पहुँचाना। जब इस बात को अच्छी तरह समझ जाओगे तब तुम्हें ज्ञात होगा कि लेने की अपेक्षा देना श्रेष्ठ है।

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लालची आदमी चाहे करोड़पति हो जाये तो भी सदा नीच, पतित और घृणित रहेगा। जब तक दुनिया में उससे अधिक धनवान रहेंगे वह उन्हें देख कर अपने को निर्धन ही समझेगा।


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