कुछ कर दिखाएँ
युग-परिवर्तन के लिए जिस सबसे बड़े साधन की, माध्यम की आवश्यकता है वह यही है कि मनस्वी प्रतिभाएँ क्षुद्रता की जकड़न को शिथिल करें और महानता के स्वर्ण सिंहासन पर जा विराजे। जो दूसरों से कराया जाना अपेक्षित हैं, उसे स्वयं कर दिखने के लिए साहस जुटाएँ और विशिष्टता की कसौटी पर अपने को खरा सिद्ध करके दिखाएँ।
--वाङ्मय 27,पृ0 6.26