इस वर्ष के सत्रों के विषय में जान लें
यह महापूर्णाहुति वर्ष है। रथयात्राओं से उभरे उत्साह व क्षेत्रीय मंथन प्रक्रिया के बाद संभव है कि एक जन-सैलाब उमड़ पड़े। उसे व्यवस्थित-सुनियोजित करने के लिए ही 1 मई से 20 जून तक नौ दिवसीय सत्र बंद कर मात्र पाँच दिवसीय सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। 1 से 4, 6 से 9, 11 से 14, 16 से 19 जमन की तारीखों में जून माह में चलेंगे। बीच का एक दिन आने व जाने के अवकाश की दृष्टि से रखा गया है। एक माह के सत्र मई-जून में चलते रहेंगे। 21 जून से 29 जून के नौ दिवसीय सत्र के साथ संजीवनी साधना सत्रों की शृंखला पुनः आरंभ हो जाएगी। महापूर्णाहुति के शांतिकुंज में होने वाले आयोजनों में सक्रिय भागीदारी करने वाले स्वयंसेवकों को 18-7-2000 के बाद शाँतिकुँज बुलाया जाएगा। इस बीच 27, 29, 30 अप्रैल को विभिन्न अश्वमेधों संस्कार महोत्सवों व प्रथम महापूर्णाहुति व श्रद्धाँजलि समारोह में भागीदारी करने वाले विभिन्न विभागों के प्रभारियों का एक त्रिदिवसीय सत्र शाँतिकुँज में रखा गया है। इस संबंध में परिजन पत्राचार कर भागीदारी सुनिश्चित करें। जिन्हें इस वर्ष गरमी के 7 दिवसीय सत्रों में आना है, पूर्व अनुमति लेकर ही रिजर्वेशन कराएँ। शेष प्रतिबंध यथावत लागू रहेंगे।