Quotation

February 1998

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

“इतिहास बताता है कि साधन-हीनता ने साधनों की विपुलता को पछाड़ा। इससे असमर्थों की साहसिकता देखते बनती है। यह चमत्कार मात्र अवतार ही कर सकते है। आदर्शों के लिए घाटा स्वीकार करते हुए लड़ मरने का साहसिकता का अनुदान अवतार के अतिरिक्त और किसी के पास होता ही नहीं।” परमपूज्य गुरुदेव प्रातःकाल सम्राट पुष्यमित्र के यज्ञ की समाप्ति हो चुकी थी। रात्रि का अतिथियों के सत्कार में नृत्योत्सव रखा गया। जब यज्ञ के ब्रह्ममहर्षि पतंजलि भी उसमें उपस्थित हुए तो उनके शिष्य चैत्र के मन में शंका उत्पन्न हुई अध्ययन में नहीं रमा।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles