“भगवान का द्वार निजी प्रयोजनों के लिए अनेकों खटखटाते पाये जाते है।, पर अबकी बार भगवान ने अपना प्रयोजन पूरा करने के लिए अपने सभी साथी-सहयोगियों को पुकारा है। जो इसके लिए साहस जुटायेंगे, वे लोक और परलोक का सिद्धियों विभूतियों से अलंकृत होकर रहेंगे।