ज्ञान और विज्ञान दोनों के ऊपर विवेक का नियंत्रण होना चाहिए। विवेक रहित ज्ञान और विज्ञान ऐसी कट्टरता को जन्म देंगे जो दोनों के उपयोगी होते हुए भी विषवृक्ष बोयेंगे और किए गये परिश्रम को हानिकारक बनाकर रहेंगी।