वृद्धा नियम से चर्च जाती और पादरी का प्रवचन मन लगा कर सुनती, जब भगवान का नाम आता तो बुढ़िया बड़ी भक्ति भाव से सिर झुकाती और जब-जब शैतान का प्रसंग आता तो भी बुढ़िया उसी भाव से सिर झुकाती। पादरी चकित हुआ। उसकी उत्सुकता बढ़ी। वे अपने को रोक न सके। एक दिन कथा समाप्त होते ही चर्च से बाहर बुढ़िया को रोक कर पूछने लगे। माँ परमात्मा का नाम आने पर सिर झुकाने की बात तो समझ में आती है। किंतु शैतान का नाम आने पर जो सिर झुकाती हो यह बात समझ में नहीं आती। बुढ़िया बोली “ कौन जाने किस वक्त किससे काम पड़ जाये ?”