ईरान के जनसेवी शाह अब्बास ने सार्वजनिक उद्यान के लिए कुछ वृक्षों की पौध मंगवायी। उनको शुभ मुहूर्त में आरोपित किया गया किन्तु संयोग से उस मुहूर्त पर माली अनुपस्थित था। शाह ने अपने हाथों गड्ढे खोदकर उन्हें आरोपित किया। कुछ देर बाद माली आया। उसने बेतरतीब लगे पेड़ों को देखा तो उखाड़कर ढंग से लगाने लगा।
शाह हुसैन तक इसकी सूचना पहुँची। उन्होंने माली को बुलाकर डाँटा। माली मुहूर्त वाली बात से अनभिज्ञ था बोला- “महाराज आपने अच्छे मुहूर्त में पौधे लगाये जो एक घंटा भी लगे न रह सके।” माली की यह अर्थपूर्ण बात सुन विवेकी राजा हंस पड़े, बोले- “तुम्हारी इच्छा हो वैसे लगाओ। शुभ काम के लिए हर समय शुभ मुहूर्त होता है यह मुझे अब पता लगा है।”