Quotation

May 1978

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

किसी की करुणा व पीड़ा को देख मोम की तरह दयार्द्र हो पिघलने वाला हृदय तो रखो, परन्तु विपत्ति की आँच आने पर कष्टों—प्रतिकूलताओं के थपेड़े खाते रहने की स्थिति में चट्टान की तरह दृढ़ व ठोस भी बने रहो।

—द्रोणाचार्य

----***----


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles