स्वर्ग जाने की तरकीबें पूछने के लिए कितने ही जिज्ञासु बैठे हुए थे। सन्त ने कहा- ‘हमें नरक के दुखियारों की सेवा – सहायता करने के लिए चलना चाहिए। स्वर्ग उन्हीं की मुस्कानों में छिपा मिलेगा।’
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