आवश्यक सूचनाएँ

March 1971

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1. “अखण्ड-ज्योति” का चन्दा, गायत्री और आर्ष साहित्य का पैसा मनीआर्डर, चेक, ड्राफ्ट “अखंड-ज्योति संस्थान” के नाम से भेजना चाहिये।

2. अन्य सभी साहित्य, ज्ञान घट (गुल्लक), धकेल युग-निर्माण योजना हिन्दी, अंगरेजी, गुजराती, उड़िया और मराठी युग-निर्माण योजना का चन्दा मनीआर्डर, चेक अथवा ड्राफ्ट से युग-निर्माण योजना द्वारा गायत्री तपोभूमि के नाम से भेजे जायें। इनसे सम्बन्धित पत्र व्यवहार भी इसी पते से करना चाहिए।

3. यज्ञ, प्रकाशन, विद्यालय के लिये दान, अनुष्ठान का पैसा, धर्म घट मासिक दा यह सब “गायत्री मन्दिर ट्रस्ट” के नाम से भेजने में सुविधा रहती है।

4. मनीआर्डर, ड्राफ्ट या चेक यहाँ के किसी कार्यकर्ता के व्यक्तिगत नाम से नहीं भेजना चाहिये। जहां तक सम्भव हो ड्राफ्ट भेजे जायें, चेक में असुविधा होती है।

5. व्यक्तिगत दुःख-कष्ट और साधनाओं सम्बन्धी परामर्श वाले पत्र माताजी के नाम घीया मण्डी के पते पर भेजे जाने चाहिये अन्य मिशन सम्बन्धी पत्र व्यवस्थापक गायत्री तपोभूमि के पते पर भेजना ठीक रहता है।

6. चन्दा भेजने के साथ ग्राहकों के नाम पतों की लिस्ट भेजी जाती है उसके साथ व्यक्तिगत बातें नहीं लिखनी चाहिये। इसी प्रकार शाखाओं के समाचार भी अलग पृष्ठ पर लिखे जायें। एक लिफाफे में कई तरह के पत्र तो हो सकते हैं पर उन्हें अलग-अलग कागज पर लिखने से उन्हें निबटाने में सुविधा रहती हैं

7. पत्रों की लिखावट साफ हो, विशेषकर ग्राहकों के नाम पते पूरे और साफ लिखे जाने चाहिये। पता साफ होने और गलत होने से पत्रिकायें भटकतीं और शिकायतें बढ़ती है।

8. पत्रिकायें न मिलने की शिकायत अखण्ड-ज्योति के लिये 15 तारीख के बाद और युग-निर्माण योजना के लिये 30 तारीख के बाद करनी चाहिये। साथ में ग्राहक नम्बर लिखना न भूलें कानूनी प्रतिबन्ध के कारण अब शिकायत पर भेजे जाने वाली पत्रिकायें 15 दिन बाद यहाँ से भेजी जाती हैं अतएव दुबारा पत्रिका के लिये 15 दिन की प्रतीक्षा करनी चाहिए।

9. चन्दा भेजा गया हो और पत्रिका न मिल रही हो तब उनकी शिकायत के साथ अपना पिछला ग्राहक नम्बर नये सदस्य होने की स्थिति में “नया ग्राहक” मनीआर्डर भेजने का विवरण यदि मनीआर्डर किसी और के द्वारा भेजा गया हो तो उसका पूरा हवाला भी देना आवश्यक होता है।


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