एक राज्य में नियम था कि प्रत्येक राजा दस वर्ष तक राज्य करता और फिर वन को चला जाता। एक राजा उस गद्दी पर बैठा, परन्तु वह इस नियम से बड़ा चिन्तित था। धीरे-धीरे कर साढ़े नौ वर्ष निकल गये। छः महीने बाद ही उसे वन को चले जाना था। इससे बड़ा दुःखी था। तभी एक महात्मा वहां आये और राजा की चिन्ता सुनकर उन्होंने परामर्श दिया कि इस राजकीय अधिक से अधिक सम्पदा अभी से वन में भेज दो, वहां जाने पर उसका उपयोग करना। राजा ने वैसा ही किया और वन में जाकर आनन्द करने लगा। भविष्य को ध्यान में रखकर विचार पूर्वक जीने वाले लोगों का ही जीवन सार्थक होता है।