गुणों की ही पूजा

December 1970

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>


भादो की तीज। घर में सभी स्त्रियों की चहल-पहल, कोई पार्वती की स्तुति कर रही थी तो दूसरी महिला आरती कर रही थी। देखा-देखी छोटी-छोटी कन्यायें भी उस पूजा में सम्मिलित थीं। पर छोटे बच्चों को घर से बाहर निकाल दिया गया था।

छोटे बच्चों में श्री लोकमान्य तिलक का पोता भी था, वह पूजा में सम्मिलित होने के लिये बराबर हठ करता रहा, इस पर महिलाओं ने उसे डाँटकर भगा दिया। पोते को यह बात अच्छी न लगी। वह सीधे श्री तिलक के पास जाकर शिकायत करने लगा-बाबा! मुझे माँ जी शिवजी की पूजा में सम्मिलित नहीं होने दे रहीं।

श्री तिलक “केशरी” अखबार के सम्पादन के सम्बन्ध में कुछ चर्चा कर रहे थे। बातचीत बीच में ही रोककर-पोते को समझाते हुये बोले-बेटा! तुम्हें पूजा करने की आवश्यकता नहीं है। तुम्हें प्रसाद चाहिये वह मिल जायेगा।

इस पर बच्चे ने कहा-मुझे पूजा की आवश्यकता नहीं है तो फिर-काकी, बुआ, दीदी सबकी सबको पूजा करने की क्या आवश्यकता है।

श्री तिलक ने बच्चे की पीठ थपथपाते हुये कहा-बेटा, आज की ‘पूजा तो बालिकायें करती हैं, तभी तो तुम्हारी बहनें पूजा कर रही है। जानते नहीं शंकर को पाने के लिये पार्वती ने पूजा की थी। उसी प्रकार योग्य पति प्राप्ति की लालसा से यह बालिकायें भी पूजा कर रही है।’ तुम्हें पति थोड़ा ही चाहिये?

‘तो क्या अच्छी पत्नी मुझे नहीं चाहिये।’

तिलक ने अपने पोते के सिर पर हाथ फिराते हुये बड़ी शान्ति से कहा ‘तुम बहुत चतुर हो बेटा! अपने देश में श्रेष्ठ पति प्राप्त करने के लिये पार्वती के समान कठोर तप करना पड़ता है, पर स्त्रियाँ तो सभी साध्वी होती हैं, अतः अच्छी पत्नी पाने के लिये पूजा-पाठ नहीं करना पड़ता।’ हाँ यदि पत्नी के प्रति सच्चा प्रेम प्रदर्शित करना हो तो बच्चों को गुणी और चरित्रवान् बनना चाहिये। तुम चाहो तो गुणों की पूजा कर सकते हो।

बच्चा बहुत खुश हुआ और बोला, अच्छा तो दादाजी-हम अब गुणों की ही पूजा करेंगे।


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118