वही जो शेख चिल्लियों के बच्चों का होता है

December 1970

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वर्षा समीप है अब छत पर मिट्टी डाल लेनी चाहिए पत्नी ने पति को सुझाव दिया। पति थे दीर्घ सूत्री-बोले ऐसी क्या जल्दी है, डाल लेंगे। मिट्टी डालने में कितना समय लगता है। पत्नी बेचारी चुप हो गई!

फिर आकाश में कुछ-कुछ बादल घिर आये, पत्नी बोली-देखिये, बरसात सिर पर आ गई अब मिट्टी डाल ही लेनी चाहिए। पति महोदय-ऊँघते हुए बोले अजी! कोई रात में ही बादल नहीं बरस पड़ेंगे, बादल तो रोज ही आते हैं।

वह दिन भी निकल गया और मिट्टी छत पर पड़ी ही नहीं ।

एक दिन एकाएक आँधी आई और अपने साथ बादलों के झुण्ड बहा लाई, देखते ही देखते आकाश काला पड़ गया, बिजली कड़की और तेज वृष्टि प्रारम्भ हो गई। कई दिन तक घनघोर वर्षा हुई परिणाम यह हुआ कि पूरा मकान धराशायी हो गया।

पति महोदय रोने लगे-अब इन बच्चों का क्या होगा? इस पर पत्नी ने संक्षिप्त उत्तर दिया- वही जो शेख चिल्लियों के बच्चों का होता आया है।


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