स्वावलम्बी बालक

October 1964

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स्वामी सत्यदेव परिव्राजक अमेरिका के सियेटल नगर में जा रहे थे। एक आठ वर्षीय बालक जो भद्र पुरुषों की सी पोशाक पहने था, और अखबार बेच रहा था, उसने स्वामी जी से अखबार खरीदने के लिए कहा।

परिव्राजक जी ने पूछा—तुम तो किसी सम्पन्न घर के लड़के मालूम पड़ते हो, फिर अखबार क्यों बेचते हो?

लड़के ने कहा—मेरे घर वाले सम्पन्न हैं, पर उससे क्या? मुझे तो स्वावलम्बन की शिक्षा अभी से लेनी है। मैं जितना स्वयं कमा सकता हूँ उसके लिए अभिभावकों पर निर्भर क्यों रहूँ?


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