डार्विन

October 1964

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मरणासन्न डार्विन को थोड़ा होश हो गया। उनने अपनी पुत्री से कहा—बेटी, मैं न स्वर्ग जाना चाहता हूँ, न नरक। मैं तो यदि परलोक कहीं होता होगा तो उसके द्वार पर अड़ा रहूँगा और इन पण्डितों को न स्वर्ग में प्रवेश करने दूँगा और न नरक में। अन्यथा ये इस लोक की तरह परलोक में भी पाखण्ड फैलाये बिना न मानेंगे।


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