स्वर्गीय स्त्री द्वारा गायत्री के लिए उपदेश

July 1948

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(डॉ. रामनरायन भटनागर, इटौआ धुरा)

जब ऐसे रोगी को मैं औषधि देता हूँ तो औषधि को केवल 9 बार गायत्री मन्त्र से प्रभावित कर स्वयं अपने हाथ से एक हाथ रोगी के सिर पर रख कर मैं दवा छोड़ता हूँ और इसी तरह एक घूँट जल गायत्री मंत्र से प्रभावित कर पिला देता हूँ ? ऐसा अनुभव हुआ है कि 9 ही दिन उपरान्त काफी परिवर्तन जान पड़ा है, मुझे और देखने वालों को आश्चर्य ही आश्चर्य दीख पड़ा, इतना वायदा मैं ऐसे रोगियों से जरूर करा लेता हूँ, कि लेटे लेटे माला राम नाम की फेरते रहो। सात आठ रोगी तो मेरे द्वारा इस प्रकार अच्छे हुए हैं। इसके अतिरिक्त जो कुछ वेढव मसाला जब मेरे सामने होता है तो वही गायत्री माला मेरी कठिनाई को सरल करती रहती है ? और कोई अनुभव नहीं, सब कुछ आपकी किताब में जो कुछ है शब्द शब्द सत्य है। माता की साधना में ब्रह्मचर्य, शुचिता, सत्यता इन बातों का विशेष ध्यान रखा जावे।

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