दुर्भाग्य टला

July 1948

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(श्री पं. रामकरण शर्मा, बम्बई)

एक समय था जब मैं अच्छी तरह अपनी आजीविका चला रहा था परन्तु कुछ समय बाद ऐसे तूफान आने शुरू हुए कि काम काज भी कुछ नहीं रहा और कर्जा भी बेहद हो गया, बेकारी का सवाल सामने था, स्वतंत्र व्यापार के लिए पैसा नहीं-नौकरी कहीं रुचि के अनुसार प्राप्त नहीं हुई, तथा अनेक तरह तरह के विघ्न सामने आते रहे। विघ्न बाधाओं तथा आर्थिक परेशानियों से परेशान हो कर मैं किंकर्त्तव्यविमूढ़, हो गया। यहाँ तक कि मेरा दिमाग भी जवाब देने लगा। मैं अपने घर से बार-2 निकट के शहर में जाता-कई बड़ी कम्पनियों के प्रधानों ने वादा करके भी फिर वादा पूरा करने में असमर्थता प्रगट की।

----***----


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118