बन्दों के साथ सलूक करो।

May 1942

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(कुरान शरीफ की शिक्षा)

अपनी मुराद वे लोग हासिल करेंगे जो नेक काम करने की सलाह देते हैं और बुरे कर्मों से रोकते हैं।

-सूरे आलि इम्रान

अल्लाह के दोस्त वे हैं जो उसके बन्दों के साथ नेकी का सलूक करते हैं। जन्नत उन लोगों के लिए है जो तंगदस्ती में भी खैरात करते हैं, गुस्से को जब्त करते हैं, और लोगों के कसूर माफ कर देते हैं।

-सुरे आलि इम्रान

जो जिन्दगी भर बुरा काम करते रहे उनकी तोबा कबूल नहीं की जायगी।

-सूरे निसाअ

नेकी के काम करने वालों से खुदा की रइमत करीब ही है।

-सूरे निसाअ

जिन लोगों ने बुरे काम किये हैं उनको वैसा ही नतीजा मिलेगा। लेकिन जिसने भलाई की है उनको कुछ ज्यादा दिया जायगा।

-सूरे यूनिस

अल्लाह उन लोगों के साथ है जो दूसरों के साथ भलाई से पेश आते हैं और खुद परहेज (संयम) करते हैं।

-सूरे नहत

अल्लाह को वे पसन्द नहीं हैं जो ज्यादती करते हैं। इसलिए अपने हाथों को खंरेजी में मत डालो, दूसरों पर अहसान करो।

-सूरे बकर

ऐ ईमान वालो! सच बोलो और सच्ची गवाही दो। वह सच्ची गवाही चाहे तुम्हारे माँ-बाप और रिश्तेदारों के खिलाफ ही क्यों न पड़ती हो।

-सूरे निसाअ

अमानत वालों की अमानतें वापिस कर दो। और हर मामले का इन्साफ के साथ फैसला करो।

-सूरे निआस


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118